प्रदूषण को कम के लिए दिल्ली सरकार का मेट्रो विस्तार पर फोकस : रेखा गुप्ता

 


नई दिल्ली, 21 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली सरकार का स्पष्ट मानना है कि देश की राजधानी व एनसीआर के प्रदूषण को प्रभावी रूप नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था विशेषकर दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को मजबूत व लास्ट कनेक्टिविटी तक पहुंचाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता रविवार को कहा कि हमारी सरकार ने परिवहन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान बजट में 60 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान किया है। इस बजट में दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए भी समुचित धनराशि रखी गई है, ताकि उसकी वर्तमान परियोजनाओं में किसी प्रकार की बाधा न आए। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली सरकार दिल्ली मेट्रो की पुरानी देनदारियों को भी अदा कर रही है, जिसे पूर्व सरकारों ने अदा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली की पूर्व सरकारों ने राजधानी के परिवहन व्यवस्था को लेकर गंभीरता दिखाई होती तो आज दिल्ली को गंभीर प्रदूषण का सामना नहीं करना पड़ता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) व अन्य सरकारी और शोध-आधारित स्रोतों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर का पर्यावरण बिगाडने और प्रदूषण को गंभीर बनाने में वाहनों से निकला उत्सर्जन प्रमुख भूमिका निभा रहा है। इस प्रदूषण को रोकने के लिए सार्वजनक परिवहन सिस्टम को मजबूत किया जाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली प्रदूषण संकट और सड़कों पर वाहनों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'नेट जीरो एमिशन' और आधुनिक परिवहन के विजन को धरातल पर लाने के लिए दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, विशेषकर दिल्ली मेट्रो (डीएमआरसी) के विस्तार के लिए बजट की पर्याप्त व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र का विस्तार व मजबूती देने के लिए समुचित व्यवस्था की है। हमारी सरकार ने वर्तमान बजट में परिवहन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए 9,110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह बजट पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में आवंटित 5,702 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली 'दिल्ली मेट्रो' के प्रति सरकार की गंभीरता को भी दर्शाती है। उन्होंने बताया कि जहां पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले वर्ष मेट्रो के लिए महज 500 करोड़ रुपये के आसपास की राशि का प्रावधान किया था, वहीं हमारी सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2,929 करोड़ रुपये का भारी-भरकम आवंटन किया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार की कैबिनेट ने एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) फेज-IV के तीन प्रमुख कॉरिडोर को मंजूरी देकर इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया है। इन कॉरिडोर में लाजपत नगर से साकेत, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और रिठाला से कुंडली (हरियाणा) शामिल है। इस विस्तार से न केवल दिल्ली के भीतर कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के बीच यात्रियों को एक सुलभ विकल्प मिलेगा। इस परियोजना के लिए दिल्ली सरकार 3,386.18 करोड़ रुपये का वित्तीय भार स्वयं वहन कर रही है। दिल्ली सरकार ने फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए चालू वित्त वर्ष में 940 करोड़ रुपये की राशि पहले ही वितरित कर दी है, जबकि 336 करोड़ रुपये की अगली किस्त प्रक्रिया में है। इसके अतिरिक्त, सरकार पिछली देनदारियों (फेज-I, II, III) के करीब 2,700 करोड़ रुपये का भी निपटान कर रही है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट मानना है कि जब तक लोग निजी वाहनों को छोड़कर सार्वजनिक परिवहन की ओर रुख नहीं करेंगे, तब तक प्रदूषण की समस्या का स्थाई समाधान संभव नहीं है। हमारी सरकार का संकल्प है कि मेट्रो नेटवर्क को इतना सुदृढ़ और व्यापक बना दिया जाए कि अंतिम छोर तक लोगों को निजी वाहन निकालने की आवश्यकता ही न पड़े। इसी प्रतिबद्धता के अंर्तगत हमारी सरकार दिल्ली मेट्रो को पर्याप्त बजट उपलब्ध करा रही है, साथ ही पुरानी देनदारियों का भी भुगतान कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि डीएमआरसी बोर्ड में दिल्ली सरकार का सक्रिय प्रतिनिधित्व अब बेहतर समन्वय, त्वरित फंडिंग और परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की पिछली सरकारों ने अगर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ व उसका विस्तार करने के लिए गंभीरता दिखाई होताी तो आज दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या इतनी गंभीर न होती और आम जन को स्वास्थ्य व अन्य समस्याओ का सामना नहीं करना पड़ता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन व्यवस्था को 'जीरो उत्सर्जन' बनाने का जो सपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लिए देखा है, दिल्ली सरकार उसे मिशन मोड में अपना रही है। प्रधानमंत्री मोदी अक्सर आधुनिक बुनियादी ढांचे और पर्यावरण के अनुकूल विकास पर जोर देते रहे हैं। दिल्ली की वर्तमान सरकार केंद्र सरकार की 'विशेष सहायता योजना' के तहत प्राप्त आवंटन का कुशलतापूर्वक उपयोग कर रही है, ताकि मेट्रो के फेज-IV विस्तार को समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव