दिल्ली सरकार के अधिकारी एआई अनुप्रयोगों में बनेंगे दक्ष
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। तकनीकी रूप से संचालित शासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी अब अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अनुप्रयोगों में दक्ष बनेंगे, जिससे दक्षता, जवाबदेही और जन सेवा में सुधार होगा।
दिल्ली सरकार के योजना विभाग द्वारा नीति आयोग और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) के सहयोग से शासन में एआई को बढ़ावा देना पर आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सोमवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार में योजना विभाग के सचिव अजीमुल हक ने एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एआई सरकारी सेवाओं की पहुंच और दक्षता में काफी वृद्धि कर सकता है और नागरिकों के सवालों का त्वरित जवाब देने में सक्षम बना सकता है।
यह पहल विकसित दिल्ली @2047 के दृष्टिकोण के साथ संरेखित है और दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के दो दर्जन से अधिक अधिकारी इसमें भाग ले रहे हैं।
आईपीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने एआई के समावेशी और जिम्मेदार उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एआई को सही मायने में विकसित भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए सुलभ, नैतिक और नागरिक-केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई-आधारित उपकरण पहले से ही सरकारी विभागों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत कर रहे हैं।
शाहदरा जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह परिहार ने जिला स्तर पर नवाचारों को साझा करते हुए शासन में एआई के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला और कहा कि एआई-आधारित समाधान नागरिकों को नियमित मुद्दों के लिए सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में आईपीयू के संकाय सदस्यों और देश भर के एआई विशेषज्ञों द्वारा सार्वजनिक प्रशासन, सेवा वितरण और नीति कार्यान्वयन में एआई के वास्तविक अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी