दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रैप-1 को सख्ती से लागू करेगी दिल्ली सरकार
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर दिल्ली सरकार ने ग्रैप-1 के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। इस बाबत मंगलवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने बैठक कर मौजूद हालात की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी से 12 अक्टूबर तक 200 दिनों तक दिल्ली की हवा गुड कटेगरी में रही है, लेकिन पिछले दो दिनों से एक्यूआई पुअर कटेगरी में है। लिहाजा, सोमवार की शाम से ग्रैप-1 के नियम दिल्ली में लागू कर दिए गए हैं। धूल प्रदूषण रोकने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी, जबकि पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनसीआरटीसी और डीएमआरसी अपने निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाएंगी। पीडब्ल्यूडी, एमसीडी समेत सभी विभाग सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर पूरा करेंगे। सीएम ने दिल्ली की जनता से कार पूलिंग, पटाखे व कूड़ा न जलाने और प्रदूषण की सूचना ग्रीन दिल्ली एप पर देने की अपील की है।
दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि एक्यूआई बढ़ने के कारण सोमवार शाम से दिल्ली में ग्रैप-1 को लागू किया गया है। इस संबंध में मंगलवार को मैंने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली सरकार के संबंधित सभी विभागों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा मीटिंग की। बैठक में पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली मेट्रो, राजस्व विभाग, उद्योग विभाग, एनएचएआई, बिजली विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में ग्रैप-1 के कार्यान्वयन को लेकर समीक्षा की गई।
आतिशी ने कहा कि 13 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 224 के स्तर पर पहुंच गया और 14 अक्टूबर को यह 234 पर पहुंच गया। यानी की पिछले 2 दिन से हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
आतिशी ने आगे कहा कि ग्रैप-1 के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्माण साइटों पर धूल की रोकथाम है। इस बाबत डीपीसीसी की 33 टीमें, राजस्व विभाग की 33 टीमें और उद्योग विभाग की भी 33 टीमें बनाई गई है। यह सभी 99 टीमें रोजाना प्राइवेट और सरकारी निर्माण साइटों का स्थलीय निरीक्षण कर धूल प्रदूषण की रोकथाम के जारी नियमों के पालन का जायजा लेंगी। यह टीमें रोजाना अपने निरीक्षणों की रिपोर्ट ग्रीन वॉर रूम, पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजेंगी।
उन्होंने कहा कि एमसीडी को कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट (सीएनडी वेस्ट) के निपटान को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं। सीएनडी वेस्ट भी हवा की गुणवत्ता को ख़राब करता है। एमसीडी द्वारा सीएनडी वेस्ट को हटाने के लिए दिन में 79 टीमें और रात में 75 टीमें काम करेंगी। साथ ही ओपन बायोमास वेस्ट बर्निंग रोकने के लिए एमसीडी द्वारा दिन में 116 टीमें और रात में भी 116 टीमें तैनात की जाएंगी। ताकि किसी भी प्रकार की ओपन बर्निंग न की जाए।
इनके अलावा सड़कों पर मौजूद धूल को उड़ने से रोकने के लिए इस सीजन में एंटी स्मॉग गन तैनात किए जाते हैं। सीएम आतिशी ने कहा कि बैठक में निर्देश दिए गए कि पीडब्ल्यूडी अपनी सड़कों और प्रदूषण के बड़े हॉटस्पॉट्स पर 200 एंटी स्मॉग गन तैनात करे। जबकि डीएमआरसी अपने निर्माण साइटों पर 80, एमसीडी 30 और आरआरटीएस 14 एंटी स्मॉग तैनात करेगा।
इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार पहले से ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रही है। सरकार ने दिल्ली में ग्रीन वॉर रूम का संचालन शुरू कर दिया है और ग्रीन दिल्ली एप भी लॉन्च किया है। दिल्ली में पराली की घटनाओं को कम करने के लिए बायो डी-कम्पोजर का छिड़काव किया जा रहा है। चूंकि यह पूर्वानुमान था कि हवा की गति कम होने, बारिश बंद होने और तापमान कम होने पर मौसम के विपरीत होने से प्रदूषण बढ़ने लगता है। इसलिए, एक्यूआई 200 के पार जाने के बाद ग्रैप का पहला चरण लागू किया गया है। इसे और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए मंगलवार को सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं।
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा के लोग पंजाब का नाम लेकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पराली की घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे दिल्ली के लोगों को तकलीफ हो रही है। हमें सबका सहयोग चाहिए। दिल्ली में हमारी सरकार पूरी सक्रियता से मिलकर काम करेगी। इसी तरह भाजपा की सभी सरकारों को भी मिलकर काम करना पड़ेगा, तभी इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी