दशकों तक व्यापारियों को गुमराह करती रही कांग्रेस, उन्हें आज सशक्त कर रही भाजपा : प्रवीन खंडेलवाल
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (हि.स)। चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने वैश्य समाज एवं व्यापारियों के कुछ कथित प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी द्वारा किए गए ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
खंडेलवाल ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा, “व्यापार खत्म होने की कगार पर है” जैसे बयान देकर राहुल गांधी और कांग्रेस एक बार फिर देश के व्यापारियों को गुमराह करने और भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन्होंने दशकों तक सत्ता में रहते हुए व्यापारियों को प्रताड़ित किया एवं व्यापार विरोधी नीतियों, लाइसेंस राज तथा इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा दिया, वे आज व्यापार की चिंता दिखा रहे हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि वैश्य समाज और देश का व्यापारी वर्ग हमेशा से भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस शासन में इसी वर्ग को सबसे अधिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। बैंक राष्ट्रीयकरण, परमिट–कोटा राज, भ्रष्टाचार और नीति अस्थिरता ने वर्षों तक व्यापार को जकड़े रखा, जिसे देश का व्यापारी कभी भूल नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि आज यदि देश में जीएसटी में सुधार, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रगति, डिजिटलीकरण, कर प्रणाली में पारदर्शिता और व्यापार को सम्मान मिला है, तो यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार की स्पष्ट नीयत और निर्णायक नीतियों का परिणाम है। भाजपा सरकार व्यापार संगठनों से निरंतर संवाद कर ठोस समाधान की दिशा में कार्य कर रही है।
खंडेलवाल ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा “मोनोपॉली” और “सामंतवादी सोच” जैसे शब्दों का इस्तेमाल उनकी आर्थिक अज्ञानता और राजनीतिक हताशा को दर्शाता है, जिनकी पार्टी ने कभी नीति निर्माण में छोटे व्यापारियों की आवाज तक नहीं सुनी, उन्होंने आज व्यापार के भविष्य पर बोलने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों की असली लड़ाई राजनीतिक नौटंकी से नहीं, बल्कि ठोस और व्यावहारिक समाधानों से लड़ी जाएगी। यह लड़ाई सड़क से संसद तक, व्यापारी समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ी जा रही है।
वैश्य समाज को डराने की नहीं बल्कि सशक्त करने की आवश्यकता है। यह काम कांग्रेस नहीं, भाजपा सरकार कर रही है और आगे भी करती रहेगी। खंडेलवाल ने कहा कि व्यापार विरोधी इतिहास वाली कांग्रेस से वैश्य समाज कोई उपदेश स्वीकार नहीं करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर