(अपडेट) प्रदूषण नियंत्रण में अहम बनी दिल्ली मेट्रोः मुख्यमंत्री

 


नई दिल्ली, 17 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन पर अत्याधुनिक दिल्ली मेट्रो संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेट्रो के पर्यावरण और सार्वजनिक परिवहन में योगदान को सराहा और कहा कि मेट्रो ने दिल्ली की सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या कम करने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने मेट्रो टीम को बधाई दी और उल्लेख किया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली मेट्रो की योजना को मंजूरी दी थी, उस समय किसी को विश्वास नहीं था कि भारत में मेट्रो इतनी सफल होगी।

इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस संग्रहालय में दिल्ली मेट्रो के 30 वर्षों के सफर को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेट्रो ने दिल्ली के पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखने और परिवहन प्रणाली को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के मेट्रो-विजन का जिक्र कर कहा कि आज राजधानी में लगभग 400 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क है, 289 स्टेशन हैं और प्रतिदिन 35-37 लाख यात्री मेट्रो का उपयोग करते हैं। इस उपलब्धि ने दिल्ली में यात्रा और जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि मेट्रो ने दिल्ली की सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या कम करने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अधिक से अधिक मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, ताकि दिल्ली और अधिक स्वच्छ, हरी-भरी और सतत विकासशील शहर बन सके। दिल्ली मेट्रो मॉडल क्लीन, ग्रीन और आत्मनिर्भर दिल्ली के लिए एक बड़ी सौगात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली मेट्रो म्यूजियम का उद्घाटन न केवल मेट्रो की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए शहरी परिवहन, इंजीनियरिंग और नवाचार की प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। मेट्रो ने दिल्ली को एक ‘फ्यूचर रेडी सिटी’ की दिशा दी है और इस संग्रहालय के माध्यम से आने वाली पीढ़ियां इसकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों और सफर को समझ सकेंगी।

इस अवसर पर परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि आज दिल्ली मेट्रो की अहमियत तब महसूस होती है जब हमें जल्द कही पहुंचना होता है और तब हम महसूस करते हैं कि दिल्ली मेट्रो से राजधानी में आवागमन कितना सुलभ हो गया है। दिल्ली मेट्रो नए भारत के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक गौरवशाली प्रतीक है।

मेट्रो संग्रहालय की विशेषताएं-

यह संग्रहालय लगभग 12,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे दुनिया के बेहतरीन मेट्रो संग्रहालयों की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। इसे आधुनिक प्रदर्शन प्लेटफॉर्म और संवादात्मक अनुभवों से सुसज्जित किया गया है। पहले चरण में यहां 50 से अधिक पैनल, प्रदर्शनी, कियोस्क और मॉडल स्थापित किए गए हैं। संग्रहालय में आगंतुकों के लिए एक मेट्रो ट्रेन चलाने का वास्तविक अनुभव प्रदान करने वाला सिमुलेटर उपलब्ध है। इसके अलावा टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और लॉन्चिंग गर्डर के कार्यशील मॉडल भी प्रदर्शित किए गए हैं। संवादात्मक डिजिटल डिस्प्ले आगंतुकों को मेट्रो निर्माण और उसके कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त करने और सीखने का अवसर प्रदान करते हैं।

संग्रहालय के प्रमुख आकर्षणों में 'मेट्रोमैन' डॉ. ई. श्रीधरन पर समर्पित पैनल, एक मॉक मेट्रो सुरंग और ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का मॉडल शामिल है। संग्रहालय में क्विज शो स्क्रीन, सेल्फी पॉइंट और स्मृति-संग्रह दुकानें भी स्थापित की गई हैं, जो आगंतुकों को भागीदारी और मनोरंजन के साथ-साथ शैक्षिक अनुभव प्रदान करती हैं। नवीनतम मेट्रो संग्रहालय 19 दिसंबर 2025 से जनता के लिए खुला रहेगा, जिसका समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। यह मंगलवार से रविवार तक खुला रहेगा, जबकि सोमवार और सार्वजनिक अवकाशों पर बंद रहेगा। प्रवेश शुल्क केवल 10 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव