एआईसीटीई और स्किलेबल बढ़ाएंगे विद्यार्थियों का कौशल

 




नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और स्किलेबल ने विद्यार्थियों का कौशल बढ़ाने के लिए साझा प्रयास शुरू किए हैं। इसके लिए 10 लाख विद्यार्थियों का लक्ष्य रखा गया है। उभरती तकनीक सीखने के लिए अनुभावनात्मक शिक्षा में अग्रणी स्किलेबल ने इसके लिए संबाव (बिजनेस-टू-एकेडमिक वेंचर्स के लिए स्किलेबल का एकेडमिक मॉडल) की शुरुआत की है।

स्किलेबल ने इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी की है। यह जानकारी स्कलेबल की विज्ञप्ति में दी गई है। स्किलेबल के संस्थापक अंकुर गोयल ने कहा है कि यह अनूठा प्रोग्राम है। इसे शैक्षणिक और उद्योग के बीच के अंतर को दूर करने के लिए तकनीकी शिक्षा को नए रूप में पेश किया गया है। इससे एक ऐसा कार्यबल तैयार होगा जो सैद्धांतिक अवधारणा का वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल करने में दक्ष होगा। संबाव के मूल में अनूठा शिक्षा विज्ञान निहित है। यह कठोर शैक्षणिक सिद्धांतों को व्यावहारिक, प्रायोगिक रूप से सीखने के रोमांच के साथ सहजता के साथ सामंजस्य बैठाता है। इससे स्टूडेंट्स बेहद ही बदलावकारी सफर की शुरुआत करेंगे।

उन्होंने कहा है कि हमारा प्लेटफार्म भारत को दुनिया की कौशल (स्किल) राजधानी बनाने के लिए प्रयासरत है। स्किलेबल ने केंद्र सरकार के नजरिये के अनुरूप एआई, वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन, बिजनेस इंटेलिजेंस, डिसीजन इंटेलिजेंस , इंटरनेट ऑफ थिंग्स और साइबर सुरक्षा जैसी उभरती हुई तकनीक पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके साथ ही 40 करोड़ स्टूडेंट्स, शिक्षकों और शिक्षार्थियों के लिए स्किलिंग, री-स्किलिंग और अपस्किलिंग के लिए उच्च प्राथमिकताएं तय की गई हैं। 4.8 करोड़ पंजीकृत स्टूडेंट्स और 48 लाख इंटर्नशिप के साथ एआईसीटीई का सुदृढ़ इंटर्नशिप पोर्टल (https:nternship.aicte-india.org/) संबाव पहल का मददगार होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद