एबीवीपी का डूसू चुनाव के लिए प्रचार हुआ तेज
नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के डूसू अध्यक्ष पद उम्मीदवार ऋषभ चौधरी, उपाध्यक्ष पद उम्मीदवार समेत एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। एबीवीपी से डूसू चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार दो-समूहों में विभाजित हुए डीयू के 52 कॉलेजों और विभागों तक अपने मुद्दों को पहुंचाने लिए जुट गए हैं। साथ ही डूसू चुनाव में एबीवीपी से जुड़े पांच हजार से अधिक छात्र भी इन कॉलेजों में प्रचार में लगे हैं।
एबीवीपी से उपाध्यक्ष पद उम्मीदवार भानू प्रताप सिंह तथा संयुक्त सचिव उम्मीदवार अमन कपासिया ने खालसा कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, रामजस कॉलेज, हंसराज, हिंदू कॉलेज, विधि संकाय के तीनों परिसरों (विधि केंद्र परिसर, विधि केंद्र-1 एवं विधि केंद्र-2) आदि कॉलेजों में प्रचार किया वहीं डूसू में एबीवीपी से अध्यक्ष पद उम्मीदवार ऋषभ चौधरी व सचिव पद उम्मीदवार मित्रवृंदा करनवाल शहीद भगतसिंह कॉलेज, दयाल सिंह महाविद्यालय से होते हुए शिवाजी कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज आदि कॉलेजों में जाकर एबीवीपी ने छात्रों से संवाद करते हुए अपने मुद्दों से उन्हें परिचित कराया और समर्थन मांगा।
एबीवीपी की वर्षभर जो कैंपस में सक्रियता रही है, उसको लेकर एबीवीपी को विद्यार्थियों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। एबीवीपी द्वारा जारी किए गए घोषणा-पत्र में विद्यार्थियों के वास्तविक मुद्दे दिखाई दे रहे हैं। एबीवीपी के नेतृत्व वाले डूसू के प्रयास द्वारा संचालित यू-बसें, महिला सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु प्रयास, नए छात्रावासों के निर्माण की स्वीकृति, कौशल विकास हेतु इंटर्नशिप जैसे कार्यक्रमों के आयोजन ने डीयू विद्यार्थियों का भरोसा जीता है और इस डूसू चुनाव में भी एबीवीपी के प्रति छात्रों का भरोसा दिख रहा है।
एबीवीपी दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव विद्यार्थियों के लिए लोकतंत्र के उत्सव के समान है। सोमवार चुनाव प्रचार के दौरान एबीवीपी उम्मीदवाराें ने विद्यार्थियों से लोकतंत्र में उनकी सहभागिता का आग्रह किया है और क्लास कैंपेन के दौरान विद्यार्थियों से सुझाव भी लिए हैं। विद्यार्थियों से यह अपील भी की है कि इन चुनावों में अपने मत का प्रयोग जरूर करें और उनके समक्ष अपने मुद्दों को प्रमुखता से रखा है। हमारा पूर्ण विश्वास है कि एबीवीपी का पूरा पैनल इन्फ्रास्ट्रक्चर, कैंपस सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण और बेहतर डीयू के लिए जो मुद्दे आए हैं, उनके आधार पर डीयू का विद्यार्थी एबीवीपी को पुनः चुनेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी