अभाविप ने जेएनयू प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए किया यज्ञ

 


नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रशासन को सकारात्मक दिशा में लाने के उद्देश्य से विशेष यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ का आयोजन समर-भूमि (टी-पॉइंट) पर किया गया, जिसमें छात्रों ने पूरी श्रद्धा के साथ भाग लिया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में अभाविप के 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और जेएनयू प्रशासन की सद्बुद्धि की कामना की।

अभाविप के कार्यकर्ताओं ने यहां एक प्रेस वार्ता में अपनी तमाम मांगों के बारे में जानकारी दी। इनमें भ्रष्टाचारी जेएनयू प्रशासन पर लगाम लगाना, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसओई) की बिल्डिंग, न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) को जेएनयू में लागू करना, छात्रावास की समस्याएं, अकादमिक समस्याएँ, प्रशासनिक समस्याएँ, बुनियादी सुविधाओं की कमी, जिसमें स्वच्छ पेयजल, भोजन और स्वास्थ्य सेवाएँ आदि प्रमुख मांगें हैं।

अभाविप जेएनयू अध्यक्ष राजेश्वर कांत दूबे ने कहा, जब तक छात्रों की आवाज नहीं सुनी जाएगी और उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी, तब तक मैं अपने सभी पद का त्याग कर छात्रों के साथ इस संघर्ष में डटा रहूंगा। आज हमने बुद्धि शुद्धि यज्ञ में प्रशासन की बुद्धि में शुद्धता आने की प्रार्थना की और जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। यह हमारा संकल्प है कि हम छात्रों के अधिकारों के लिए अंत तक लड़ेंगे। हमारा उद्देश्य है कि छात्रों को उचित सुविधाएँ मिलें और प्रशासन उनके प्रति संवेदनशील बने। हम सभी छात्रों को एकजुट कर इस आंदोलन को सफल बनाएंगे और प्रशासन को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास कराएंगे।

अभाविप जेएनयू मंत्री शिखा स्वराज ने कहा, अभाविप का यह अनिश्चितकालीन धरना, जिसे हमने 'छात्र समर' का नाम दिया है, विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों की मूलभूत सुविधाओं की मांग के लिए है। यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं और छात्रों को उनकी आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल जातीं। हमारा यह आंदोलन छात्रों के हित में है और हम इसे सारी मांगें पूर्ण होने तक किसी भी हालत में समाप्त नहीं करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी / दधिबल यादव