गुजरात में आदिवासी फंड के दुरुपयोग का आआपा ने लगाया आरोप, मांगा जवाब

 


नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। आम आदमी पार्टी (आआपा) ने गुजरात सरकार पर आदिवासी समुदायों के विकास के लिए आवंटित सरकारी कोष के दुरुपयोग का आरोप लगाया। पार्टी ने दावा किया है कि गुजरात में आदिवासी विकास के लिए निर्धारित लगभग 50 करोड़ रुपये का उपयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक कार्यक्रम और उससे जुड़े आयोजनों में किया गया।

आआपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी आदिवासी कोष को प्रधानमंत्री अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। आदिवासी हितों के लिए आरक्षित फंड का उपयोग कार्यक्रमों की भव्य तैयारियों और सुविधाओं पर किया गया।

अनुराग ढांडा ने बताया कि यह जानकारी उन्हें सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से प्राप्त हुई है। गुजरात में आआपा विधायक चैतर वसावा ने इस संदर्भ में आरटीआई दाखिल की थी। इसके जवाब में विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी में स्पष्ट हुआ कि आदिवासी फंड का उपयोग किन-किन मदों में किया गया।

उन्होंने कहा कि गुजरात के देदियापाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिए पंडाल लगाने पर 7 करोड़, डोम लगाने पर 3 करोड़, मंच निर्माण पर 5 करोड़, चाय-सामोसा पर 2 करोड़ और परिवहन व्यवस्था पर 7 करोड़ खर्च किए गए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मोबाइल शौचालय और साफ-सफाई पर 2 करोड़ 40 लाख खर्च किए गए। भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल पर सोने के शौचालय का आरोप लगाया था, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि आदिवासी फंड से इतनी बड़ी राशि क्यों बर्बाद की जा रही है। जो लोग केजरीवाल पर आरोप लगाते थे, उन्हें जवाब देना चाहिए कि आदिवासी फंड का इस तरह उपयोग क्यों किया गया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के खर्च पर तो खूब हल्ला किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री आवास पर कितना खर्च हो रहा है, इसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जाती। पत्रकारों को आवास पर खर्च का ब्यौरा क्यों नहीं दिया जा रहा और इतनी बड़ी साजिश क्यों रची जा रही है?

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी