कोरबा : हड़ताल बनी हॉलिडे पैकेज, धरना छोड़ सैर-सपाटे पर निकले अधिकारी-कर्मचारी

 




कोरबा, 31 दिसंबर (हि. स.)। सेवानिवृत्ति लाभ, वेतन विसंगति समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर आयोजित तीन दिवसीय हड़ताल को लेकर कोरबा जिले में अजीब तस्वीर सामने आई है। जोर-शोर से हड़ताल का ऐलान करने वाले कई अधिकारी-कर्मचारी धरना स्थल की बजाय पर्यटन स्थलों पर सैर-सपाटे करते नजर आए। हड़ताल कई कर्मचारियों के लिए आंदोलन कम और हॉलिडे पैकेज ज्यादा साबित हो रही है।

29 से 31 दिसंबर तक जारी हड़ताल के चलते कलेक्टोरेट से लेकर स्कूलों और अन्य शासकीय कार्यालयों में ताले लटके रहे। दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा, वहीं स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति से शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होती दिखी। परीक्षा नजदीक होने और पाठ्यक्रम अधूरा होने के बावजूद कई शिक्षक धरना स्थल पर नजर नहीं आए। हड़ताल का आवेदन देकर औपचारिकता पूरी करने के बाद कई अधिकारी-कर्मचारी सीधे कुल्लू-मनाली, गोवा, ऋषिकेश, केरल, दिल्ली, प्रयागराज, बालाजी मंदिर, नेपाल जैसे पर्यटन स्थलों की ओर रवाना हो गए।

शीतकालीन अवकाश से लौटने वाले शिक्षकों के लिए यह हड़ताल अतिरिक्त छुट्टी का अवसर बन गई। जिस दिन स्कूल खुलने थे, उसी दिन हड़ताल का ऐलान होने से अवकाश बोनस जैसा माहौल बन गया। न अनुमति की झंझट रही, न किसी अतिरिक्त सूचना की चिंता।

धरना स्थल की स्थिति भी संगठन की मुश्किलें बयां कर रही है। गिनती के कुछ पदाधिकारी ही कुर्सियां संभाले बैठे दिखे, जबकि अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी नदारद रहे। राजस्व, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आदिवासी विकास, कृषि, खनिज, आबकारी, जनपद पंचायत, पीएचई, पीडब्ल्यूडी आरईएस, पीएमजीएसवाय, जल संसाधन, वन विभाग सहित लगभग सभी विभागों के नियमित अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल बताए गए, लेकिन इन विभागों के कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति धरना स्थल पर नगण्य रही।

कई कर्मचारियों ने हड़ताल अवधि का फायदा उठाते हुए घूमने-फिरने का रास्ता चुना, जिससे संगठन में नाराजगी साफ नजर आई। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि हक की लड़ाई में केवल कागजी समर्थन स्वीकार्य नहीं है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो हड़ताल में शामिल होने का दावा कर धरना स्थल से गायब रहे, उनका चिन्हांकन किया जा रहा है और नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

संगठन पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने के लिए है, न कि व्यक्तिगत छुट्टियां मनाने के लिए। हड़ताल को लेकर सामने आई इस स्थिति से संगठन बेहद नाराज है और आने वाले दिनों में ऐसे मामलों पर सख्त रुख अपनाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी