रायपुर : योग को अपनाने से सामाजिक टकराव और संघर्ष समाप्त हो सकता है : गृह सचिव गौतम

 




रायपुर, 16 जून (हि.स.)। गृह सचिव एवं अग्निशमन व आपदा प्रबन्धन के महानिदेशक अरूण देव गौतम ने कहा कि योग हमें समाज के लिए उपयोगी बनाता है। योग को अपनाने से सामाजिक टकराव और जीवन से संघर्ष समाप्त हो सकता है।

गृह सचिव आज रविवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आयोजित योग महोत्सव के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि महर्षि पतंजलि ने कहा था कि चित्त का निरोध ही योग है। चित्त शरीर का अंग नहीं है। चित्त को समझने के लिए देह और उसके सभी पक्षों को समझना होगा। देह के उपर है मन और बुद्धि, उसके उपर है चित्त। मन में विचार पैदा होते हैं। चित्त में पुराने संस्कार भरे रहते हैं। इन सबको एकनिष्ठ व समन्वित करना ही योग है।

इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि आत्मा का सम्बन्ध परमपिता परमात्मा से जोडऩा ही राजयोग है। राजयोग सेे हमारे कर्मोंमें श्रेष्ठता और कुशलता आती है। राजयोग हमें अनेक बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है। इससे परमात्मा के गुण और शक्तियाँहम आत्माओं में समाहित होने लगती हैं। योग से हमारा जीवन अनुशासित होता है। नकारात्मकता को समाप्त करने की ताकत इस राजयोग में निहित है। हमारा व्यवहार सौम्य और मधुर हो जाता है।

संयुक्त जिलाधीश एवं उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी (स्वास्थ्य संचालनालय) विनय अग्रवाल ने कहा कि राजयोग तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाता है। उन्हें एलर्जी की शिकायत थी। हमेशा सर्दी, जुकाम लगा रहता था। डॉक्टर उन्हें एन्टीबायोटिक दवाएं दे देते थे किन्तु समस्या हल नहीं हो रही थी। जब मैने राजयोग मेडिटेशन करना शुरू किया तो पूरी तरह से मेरी एलर्जी ठीक हो गयी।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि स्वास्थ्य हमारे जीवन की बहुमूल्य सम्पत्ति है। स्वास्थ्य के प्रति हरेक व्यक्ति सचेत रहता है। सुबह वह अपने स्वास्थ्य के लिए अनेक उद्यम करता है। हमारा तन तभी स्वस्थ रहेगा जब हमारा मन स्वस्थ होगा। मन ठीक नहीं होने से आदमी डिप्रेशन में चला जाता है। मन के कमजोर होने से मनुष्य परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाता है। मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग का अभ्यास जरूर करना चाहिए।

छत्तीसगढ़ योग आयोग के मुख्य प्रशिक्षक छबिराम साहू ने कहा कि महर्षि पतजंलि ने योग को जीवन से जोडऩे का कार्य किया। अपने कार्य को अच्छी तरह से कुशलता पूर्वक करना ही योग है। योग हमारे चित्त और वृत्तियों को नियंत्रित करता है। यह जीवन जीने की कला है।

राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कहा कि आजकल लोगों में योग के प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है लेकिन उन्हें पता नहीं है कि कौन सा योग सही है। अनेक अनुसंधानों से यह साबित हो गया है कि नब्बे प्रतिशत बिमारियों का सम्बन्ध मन से है। इसलिए मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग जरूरी है क्योंकि राजयोग का सीधा सम्बन्ध हमारे मन और विचारों से है। राजयोग में हम सकारात्मक चिन्तन करते हैं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ योग आयोग की ओर से उपस्थित मुख्य प्रशिक्षक छबिराम साहू, ज्योति साहू, अनिता साहू, विश्राम यादव, उमाभारती साहू और परस साहू ने ब्रह्माकुमारी संगठन के साधकों को वृक्षासन, पाद हस्तासन, वज्रासन, दण्डासन आदि विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया। कु. शारदा नाथ ने अपने मधुर स्वर में योग दिवस से सम्बन्धित स्वरचित गीत गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालन ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र