धरती ने ओढ़ी हरियाली, मन ने पाया भरोसा, सुव्यवस्थित धान विक्रय से मुस्कुराया किसान
कोरबा, 24 दिसंबर (हि.स.)।जब सूरज की किरणें योजनाओं की छांव बनकर खेतों पर उतरती हैं, जब बीज को भरोसे का सहारा और सिंचाई को समय का साथ मिलता है, तब धरती केवल फसल नहीं उगाती वह किसान के सपनों को भी संवारती है। मेहनत के हर कण को जब उचित मूल्य और सम्मान मिलता है, तब खेतों में बहा पसीना मुस्कान में बदल जाता है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में यही परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। किसान आज निश्चिंत हैं, आश्वस्त हैं और भरोसे के साथ खेती कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन की किसान हितैषी नीतियों, सुव्यवस्थित धान उपार्जन व्यवस्था और तकनीक आधारित सुविधाओं ने किसानों के मन से चिंता हटाकर विश्वास का दीप जलाया है। यह वही भरोसा है, जो किसानों को उत्साह के साथ उत्पादन और खुशहाली के साथ विक्रय की ओर अग्रसर कर रहा है।
प्रदेश सहित कोरबा जिले में धान उपार्जन की पारदर्शी, सुगम और तकनीक-आधारित व्यवस्था किसानों को राहत प्रदान कर रही है। घर बैठे ऑनलाइन टोकन प्राप्त करने की सुविधा और उपार्जन केंद्रों पर बेहतर व्यवस्थाओं ने किसानों के मन को जीत लिया है।
जिले के ग्राम अरदा निवासी किसान जसवंत सिंह लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि में खेती करते हैं। उन्होंने शासन की “टोकन तुंहर” ऐप के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया और निर्धारित तिथि पर उपार्जन केंद्र पहुंचकर सहजता एवं संतोष के साथ धान का विक्रय किया। श्री सिंह द्वारा इस वर्ष 36 क्विंटल 80 किलोग्राम धान का विक्रय छुरी उपार्जन केंद्र में किया गया। पिछले वर्ष भी उन्होंने लगभग 68 क्विंटल धान का विक्रय किया था।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही सुविधाओं से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टोकन व्यवस्था, उपार्जन केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं, समयबद्ध प्रक्रिया और अधिकारियों का सहयोगात्मक व्यवहार इन सभी से किसान को सम्मान और संतोष मिलता है। उन्होंने कहा, “आज किसान बिना किसी परेशानी के अपना धान बेच पा रहा है। यह सब मुख्यमंत्री श्री साय के मार्गदर्शन और उनकी किसान हितैषी नीतियों के कारण संभव हो पाया है। स
राज्य सरकार किसानों की आय में निरंतर वृद्धि, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने तथा खेती को लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रही है। धान उपार्जन की यह सुव्यवस्थित, पारदर्शी एवं किसान-केंद्रित व्यवस्था किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है तथा “खुशहाल किसान, समृद्ध छत्तीसगढ़” के संकल्प को मजबूती के साथ साकार कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी