महानदी की बाढ़ में फंसे दो चरवाहे को रेस्क्यू कर निकाला गया
धमतरी, 11 सितंबर (हि.स.)। गंगरेल व रूद्री बांध से बड़ी मात्रा में एक साथ पानी छोड़ने से महानदी में बाढ़ की स्थिति बनी। महानदी में अचानक आई बाढ़ में नदी के टापू पर मवेशी चरा रहे दो चरवाहे के साथ छह मवेशी बाढ़ में फंस गए।
घटना की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने नगर सैनिक विभाग को जानकारी दी। यहां के गोताखोर रात में पहुंचकर रेस्क्यू किया और दोनों को बाहर निकाल लिया। जबकि मवेशियों को निकालने पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है।
10 सितंबर की सुबह साढ़े 11 बजे रूद्री बांध के गेटों से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। 30 से 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से महानदी में बाढ़ की स्थिति बनी। इस दौरान ग्राम बारना निवासी दीपक यादव के साथ एक अन्य मवेशियों को चराने सोनेवारा-सरगी नदी किनारे गए थे, तभी अचानक महानदी में बाढ़ आ गई और दोनों वहां फंस गए। उनके साथ छह मवेशी भी वहां के टापू पर फंसे रहे। चूंकि यहां पर नदी व नाला एक साथ है, ऐसे में यहां पर निर्माणाधीन पुल है। बाढ़ में फंसे लोगों की जानकारी ग्रामीणों ने किसी तरह देर शाम व रात तक नगर सैनिक विभाग में दी, तो नगर सैनिक विभाग के गोताखोर रात में पहुंचकर वहां रेस्क्यू कर दोनों को बाहर निकाला। जबकि मवेशियों को निकालना मुश्किल था। ऐसे में महानदी में पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि मवेशी बाहर निकल सके। फिलहाल फंसे मवेशियों के लिए रेस्क्यू टीम चारा-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, क्योंकि फंसे हुए मवेशियों में एक मवेशी गर्भ में है, ऐसे में उसके लिए चारा जरूरी है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा