समितियों के माध्यम से दो लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य
जगदलपुर, 29 अप्रेल(हि.स.)। बस्तर संभाग के 04 वन मंडल जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा व बीजापुर वन मंडल में तेंदूपत्ता संग्रहण जारी है। तेंदूपत्ते के अलावा यहां साल बीज, इमली, आंवला, महुआ, हर्रा, बहेड़ा, चिरौंजी, धवई, भेलवा, सतावर, कालमेघ, लाख, गोंद, आदि का संग्रहण भी बहुतायत से होता हैं। यह ग्रामीणों के आर्थिक स्रोत का प्रमुख साधन है, सरकार 65 तरह के वनोपज की खरीदी करती है।
वन विभाग ने बस्तर वृत्त के चारों वन मंडलों में 75 समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य 02 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तय किया है। लक्ष्य पूरा हुआ तो संग्राहकों को सिर्फ मजदूरी के एवज में ही 5500 के निर्धारित दर से 148 करोड़ 83 लाख रुपए मिल जाएंगे, सरकार से बोनस भी अलग से मिलेगा।
मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि बस्तर में वनोपजों के कुल संग्रहण में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी तेंदूपत्ता का है और ग्रामीणें को सबसे ज्यादा बोनस सहित आमदनी इसी से प्राप्त होती है। इसके बाद साल बीज हर्रा, बहेड़ा, आंवला व अन्य वनोपज हैं। उन्होंने बताया कि सबसे महंगा पत्ता बीजापुर के पुजारी कांकेर का 12199 प्रति मानक बोरा की दर पर बिका है। सुकमा वनमंडल में प्रति मानक बोरा की अधिकतम दर (एर्राबोर के पत्ते) 6309 रुपये आई है। वहीं सबसे कम दर का पत्ता भी सुकमा वन मंडल के जग्गावरम का बिका है, जिसकी बोली 2109 रुपये प्रति मानक बोरा आई है।दुग्गा ने बताया कि बताया कि अनुकूल मौसम में लक्ष्य पूरा हो जाएगा। एक मानक बोरा तेंदूपत्ता में कुल 1000 गड्डी होती है। प्रत्येक गड्डी में 100 पत्ते होते हैं। पत्ता जितना ज्यादा महंगा बिकेगा उतना ज्यादा बोनस ग्रामीणों के खाते में आएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे/केशव