बस्तर मॉडल पर दो दिवसीय राज्यस्तरीय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन

 




जगदलपुर, 22 मई (हि.स.)। बस्तर का नवाचार देश भर के लिए माडल के रूप में तैयार हो रहा है। ऐसे ही एक नवाचार कचरा प्रबंधन के लिए जगदलपुर के बुरुंडवाडा सेमरा में साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। प्रबंधन सेंटर में 71 ग्राम पंचायतों के 114 गांवों से कचरा आता है और इसे समृद्धि (एमआरएफ अर्थात मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर में भेजा जाता है। इसके पश्चात मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर (सिरी) में भेजा जाता है ताकि यह वेस्ट मटेरियल उपयोगी रूप से सामने आये।

सभी ग्रामीण क्षेत्रों से वेस्ट मटेरियल रिकवर करने ई-रिक्शा दिये गये हैं। खास बात यह है कि इसमें ड्राइवर 90 प्रतिशत महिलाएं हैं। इनकी रिसाइक्लिंग कर इन्हें सड़क बनाने में, ईंधन आदि कामों में इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह वेस्ट मटेरियल का डिस्पोजल यहां समस्या नहीं है, अपितु बड़े अवसर के रूप में सामने आई है। इस सेंटर को बेहतर कचरा प्रबंधन के साथ-साथ आर्थिक उपार्जन का केंद्र के रूप में देश स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त किया है जिसमें प्लास्टिक रीसाइक्लिंग कॉन्फ्रेंस एशिया 2023 में अर्बन एंड रूरल के लिए जिला प्रशासन को पहला पुरस्कार और एक्सीलेंस इन मैनेजिंग म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट बाय यूएलबीएस एंड एमसीएस 2022 में नगर निगम जगदलपुर को अवार्ड मिला है। उक्त सेंटर का बस्तर जिले में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यशाला में शामिल स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के राज्य के सलाहकार, विभिन्न जिलों के जिला समन्वयक ने भ्रमण कर सेंटर की हर गतिविधियों की जानकारी ली।

सेंटर का मुख्य उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र में बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देकर परिवर्तनकारी परियोजना को व्यवहार में लाकर अपशिष्ट प्रबंधन मूल्य श्रृंखला में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था और एक व्यवसाय मॉडल को बढ़ावा देना। इसके साथ ही इस संस्था से जुड़ी महिला स्व सहायता समूह को रोजगार के अवसर देना है। साथ ही जगदलपुर शहर के कचरा प्रबंधन कर नगर निगम की स्वच्छता दीदियों को भी उनके सामानों की खरीद कर उनके समूह को आर्थिक लाभ पहुंचाना है। नगर निगम के 09 एसएलआरएम सेंटर से प्लास्टिक सामग्री एमआरएफ सेंटर द्वारा एसएलआरएम सेंटरों को 23 लाख से अधिक राशि का भुगतान किया है।

बुधवार को कार्यशाला के समापन के अवसर पर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि उन्होंने अपने जिला पंचायत सीईओ और नगर निगम कमिश्नर के पदीय दायित्वों के निर्वहन के दौरान स्वच्छ भारत मिशन में ठोस, लिक्विड, प्लास्टिक प्रबंधन के कार्यों का अनुभव के आधार पर बस्तर में कचरा प्रबंधन में एमआरएफ सेंटर के संचालन में सफल हुए। इसके बाद बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में कार्य किया जा रहा है। एमआरएफ सेंटर का सतत संचालन के लिए कार्य योजना भी बनाई गई है। एमआरएफ सेंटर ने बस्तर की अलग पहचान बनाई है इस संस्था से प्रदेश-देश और एशिया स्तर पर पहचाना जाने लगा है, इससे जुड़े संस्था, महिला समूह, व्यक्तियों को बधाई।

कार्यशाला में विभिन्न पंचायत के सरपंच, जिला समन्वयक, महिला समूह के सदस्यों ने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम को बस्तर जिले के जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे, नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी, स्वच्छ भारत मिशन के सलाहकार रूपेश राठौर, अभिलाषा आनंद ने भी संबोधित किया। इसके अलावा कार्यक्रम में कचरे से आय अर्जित करने वाली महिला समूहों जगदलपुर शहर के 09 सेंटर, 05 ग्रामीण क्षेत्र के महिला समूहों को चेक और स्मृति चिन्ह दिया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न जिलों के जिला समन्वयकों, जनपद के अधिकारियों और एमआरएफ सेंटर के अधिकारी और समूह की सदस्यों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में एमआरएफ सेंटर से संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे