गणेश विसर्जन में निर्धारित सीमा से ज्यादा आवाज करने वाले डीजे संचालकों के विरुद्ध होगी कार्रवाई
बिलासपुर /रायपुर, 13 सितंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने बिलासपुर जिला प्रशासन ने कानफोडू डीजे पर रोक लगाने पर कार्य शुरू कर दिया है। वहीं परिवहन विभाग के सर्कुलर पर अमल करते हुए ट्रांसपोर्टर संघ की बैठक रखी। शुक्रवार को मंथन सभा कक्ष में पुलिस, परिवहन विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जिले के सभी ट्रांसपोर्टरों की बैठक ली। जिसमें हिदायत दी गई कि निर्धारित 75 डेसीबल से अधिक डीजे बजाने पर प्रतिबंध है, यदि ऐसा होता है तो वाहन भी जब्त किए जाएंगे।
इसे लेकर ट्रांसपोर्टरों ने भी अपनी सहमति जताई और कहा कि निर्धारित सीमा से अधिक डीजे बजाने पर कार्रवाई में सहयोग करेंगे। डीजे संचालक को निर्धारित आवाज में ही बजाने कहा जाएगा, उच्च न्यायालय के निर्देश पर परिवहन अधिकारियों ने सभी वाहन मालिकों को नियम से अवगत कराया।
उलेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने 75 डेसीबल से अधिक आवाज वाले डीजे पर बैन लगा दिया है। ऐसा करने पर इसमें डीजे सहित वाहन भी जब्त किए जाएंगे इसलिए परिवहन अधिकारी ने सभी वाहन मालिकों की बैठक लेकर उन्हें नियम से अवगत कराया है।
इस बैठक में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी आनंदरूप तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप और एसडीएम पीयूष तिवारी ने कड़ाई से नियमों के पालन के लिए निर्देश दिए।शहर में तीज-त्योहारों, रैली, समारोह में बजने वाले डीजे की आवाज 55 डेसीबल से ज्यादा ही रहती है, जबकि गाइड लाइन में किसी भी साउंड सिस्टम की आवाज 55 डेसीबल से कम होना चाहिए। प्रशासन भी ऐसे ही साउंड सिस्टम को अनुमति देता है, जिसकी आवाज 55 डेसीबल से कम है। ऐसे में 55 से अधिक डेसीबल के सभी साउंड सिस्टम प्रतिबंधित है। प्रशासन ने इस बार डीजे संचालकों को यह भी हिदायत दी है कि अगर किसी संचालक का डीजे दूसरी बार नियम के विरुद्ध बजाते पकड़ा जाता है, तो उसकी सामग्री जब्त कर ली जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा