तीसरी पत्‍नी ने एक साथ चार बच्चों को दिया जन्म, पहली दो पत्नियों को नहीं थी औलाद, परिवार में खुशी का माहाैल

 


जगदलपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। छत्‍तीसगढ़ के सुकमा जिले के ग्राम जैमर निवासी एक आदिवासी महिला दशमी ने चार नवजात बच्‍चों को जन्‍म दिया है। चार नवजात में से दो लड़के और दो लड़कियां हैं। मिली जानकारी के अनुसार सभी चाराे बच्‍चे स्‍वस्‍थ हैं। महिला के पति कवासी हिड़मा ग्राम पंचायत जैमर के सरपंच हैं। कवासी हिड़मा ने बताया कि जगदलपुर में एक निजी अस्‍पताल में गर्भवती पत्‍नी का उपचार चल रहा था। डॉक्‍टरों ने सोनोग्राफी जांच में तीन बच्‍चे की जानकारी दी थी, लेकिन उनकी पत्‍नी ने प्रसव के दौरान चार नवजात बच्चाें को जन्‍म दिया है। चौथे बच्‍चे के जन्‍म से अस्‍पताल के डॉक्‍टर भी हैरान हैं। फिलहाल जच्चा-बच्चा जगदलपुर के बंसल नर्सिंग हाेम में भर्ती हैं।

डाक्‍टराें ने शुक्रवार काे जानकारी देते हुए बताया कि सुकमा की आदिवासी महिला दशमी ने चार बच्चों को जन्म दिया है, सभी चाराे बच्‍चे पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं। नवजात बच्‍चों में दो लड़के और दो लड़कियां हैं। इसमें तीन बच्चों का वजन दो किलो है, जबकि एक का एक किलाे एवं एक का डेढ़ किलो है। अस्‍पताल में बच्‍चों और उसकी मां की अच्‍छी तरह से देखभाल की जा रही है।

कवासी हिड़मा ने पत्‍नी के एक साथ चार बच्‍चों के जन्‍म होने पर खुशी जताई है। उन्‍होंने डॉक्‍टरों और अस्‍पताल प्रबंधन को धन्‍यवाद कहा है। दरअसल नवजात बच्‍चों को जन्‍म देने वाली महिला दशमी कवासी हिड़मा की तीसरी पत्‍नी है। कवासी पहली दो पत्नियों को एक भी आलौद नहीं है। पहली पत्‍नी पत्नी हूंगा की एक बेटी थी, जिसकी करीब 14 साल की उम्र में बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गई। इससे पहले एक साथ तीन बच्चों के जन्म के कई मामले जिले में सामने आ चुके हैं, लेकिन चार बच्चों के एक साथ जन्म का यह पहला मामला है, कवासी परिवार में खुशी का माहौल है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे / चन्द्र नारायण शुक्ल