मुर्गा लड़ाई के खेल को चुनाव के नतीजे से नहीं जोड़ा जा सकता, भाजपा से कड़ा मुकाबला है : कवासी लखमा
जगदलपुर, 01 अप्रेल (हि.स.)। बस्तर लोकसभा सीट में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है, इसके लिए सभी उम्मीदवारों ने जोर शोर से चुनावी प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। बस्तर लोकसभा सीट से कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। कांग्रेस के उम्मीदवार कवासी लखमा अपने चुनावी प्रचार के दौरान ग्राम पुसपाल पंहुचे थे, जहां चुनावी प्रचार के दौरान कवासी लखमा पुसपाल बाजार में मुर्गा लड़ाई में पहुंचकर अपने मुर्गे को लड़ाया, जिसमें उनके मुर्गे ने लड़ाई जीत ली।
इस दौरान कवासी लखमा ने कहा कि इस मुर्गा लड़ाई के खेल को चुनाव के नतीजे से नहीं जोड़ा जा सकता है। यह एक खेल मात्र है और इस तरह के दांव लगते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी के साथ उनका कड़ा मुकाबला है। लोकसभा चुनाव में उनका मुकाबला डबल इंजन की सरकार से है। कवासी लखमा ने अपनी जीत का दावा करते हुए, इस मुकाबले को कड़ा मुकाबला बताते हुए चुनाव प्रचार के लिए शेष बचे 16 दिन तक बस्तर लोकसभा क्षेत्र के हर गांव-गांव के एक-एक ग्रामीण तक पहुंचने का दावा किया।
कवासी लखमा ने कहा कि आदिवासी अंचलों में मुर्गा लड़ाई एक पारंपरिक खेल है। राजनीति से पहले और राजनीति के बाद भी वह मुर्गा लड़ाई कराने गांव में लगने वाले बाजारों में जाते थे। उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े होने की वजह से उन्हें आदिवासियों की हर पारंपरिक खेल की जानकारी है और बाकायदा खाली समय वे अपने गांव क्षेत्र में मुर्गा लड़ाई के खेल में शामिल होते आए हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रचार में जब वे पहुंचे तो पुसपाल साप्ताहिक बाजार में मुर्गा लड़ाई का आयोजन चल रहा था। वह अपने आप को रोक नहीं पाए और सीधे मुर्गा लड़ाई के मैदान में चले गए। उन्होंने बताया कि वहां एक ग्रामीण के मुर्गे को पकड़कर उसे लड़ाई के मैदान में उतार दिया। इस मुर्गा लड़ाई में उनके मुर्गे ने जीत भी हासिल की।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे