धमतरी के गेंदा फूल की खुशबू राजधानी तक, नोमेन्द्र कमा रहे हैं लाखों

 


धमतरी, 25 नवंबर (हि.स.)। जल संरक्षण और फसल चक्रीकरण ने चटौद के एक किसान की आर्थिक स्थिति ही बदल दी। धान फसल से नाता तोड़ा तो गेंदा फूल की खेती ने हजारों की कमाई को लाखों में पहुंचा दिया। वहीं उनके उत्पादित फूलों की खुशबू धमतरी से राजधानी समेत कई जिलों में उड़ रहा है।

धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड अंतर्गत ग्राम चटौद निवासी नोमेन्द्र कुमार साहू लंबे समय से अपने पांच एकड़ जमीन पर धान फसल ले रहा था। इससे उनका आय सीमित था। पिछले कुछ समय से तेजी से गिरते भूजल स्तर को देखकर वह जल संरक्षण और फसल चक्रीकरण से प्रभावित हुआ और उद्यानिकी विभाग से फसल चक्रीकरण के लिए संपर्क किया।

विभाग के राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और ड्रीप सिस्टम में मिलने वाली सब्सिडी के बाद अपने दो एकड़ जमीन पर गेंदा फूल की खेती शुरू की। कम पानी में बेहतर फसल व उत्पादन के बाद नोमेन्द्र कुमार पिछले तीन सालों से गेंदा फूल की खेती कर रहा है। धीरे-धीरे रकबा भी बढ़ा रहे हैं, इससे उन्हें अच्छा लाभ भी मिलने लगा है। उनके उत्पादित गेंंदा फूल की मांग पहले सिर्फ कुरूद व धमतरी तक ही सीमित था, लेकिन अब प्रदेश के राजधानी रायपुर, अभनुपर, राजिम समेत प्रदेश के कई जिलों तक बिक रहा है, इससे उन्हें काफी मुनाफा भी मिल रहा है।

पहले करता था धान की खेती

उद्यानिकी अधिकारी डीएस कुशवाहा ने बताया कि, चटौद के किसान नोमेन्द्र कुमार साहू को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 16 हजार रुपये सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें ड्रीप सिस्टम में विभाग से सब्सिडी दिया गया है। किसान नोमेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि वे अपने खेतों में कम पानी लगने वाले फसल लगाने के बारे में सोचा और गेंदे के फूल की खेती करने की मन में ठानी। उद्यानिकी विभाग द्वारा गेंदे के फूलों में लगने वाले लागत, फूलों की खेती करने के तरीके इत्यादि की जानकारी दी गई। फिर नोमेन्द्र ने अपने खेत में गेंदा (किस्म कलकतिया) की खेती ड्रिप पद्धति से पिछले तीन साल से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके पहले वे धान की खेती करते थे, जिसमें लागत अधिक था और पानी का खपत भी अधिक था। साथ ही देखभाल भी अधिक करना पड़ता था, लेकिन गेंदे की खेती ऐसी है, जिसमें खेती के दो माह बाद से ही आमदनी मिलना शुरू हो जाती है। एक एकड़ गेंदे की खेती में लागत 50 हजार रुपये तक आता है, जबकि एक सीजन में ढाई से तीन लाख रुपये तक का गेंदे के फूल बेच सकते हैं। इस तरह एक एकड़ गेंदे के फूल की फसल में शुद्ध दो लाख रुपये तक की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा