धमतरी : उत्साह से मनाया गया मकर संक्राति का पर्व

 


धमतरी, 14 जनवरी (हि.स.)। धमतरी जिले में सूर्य उपासना का पर्व मकर संक्राति उत्साह से मनाया गया। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने आराध्य देव की पूजा अर्चना की। सुबह श्रद्धालुओं ने महानदी में डुबकी लगाई और भगवान से सुख समृद्धि की कामना की। ग्राम रुद्री के महानदी किनारे स्थित रूद्रेश्वर महादेव घाट के पास कई श्रद्धालु दीपदान करने पहुंचे। यहां पर उगते सूर्य को अर्ध्य देकर और महानदी में दीप अर्पित कर परिवार और समाज की सुख समृद्धि की कामना की गई। कई लोगों ने घाट पर ही आरती की और उपस्थित लोगों को प्रसाद बांटा।

रुद्रेश्वर मंदिर में भी भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने लोग पहुंचे। पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति में तिल-गुड़ के साथ दीप दान करने से यश की प्राप्ति होती है। मालूम हो कि हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का व्रत महत्वपूर्ण स्थान है। पर्व के अवसर पर घरों-घर तिल के लड्डू और पापड़ी का भोग लगाकर आराध्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है।

सूर्य उपासना का पर्व है मकर संक्राति

विप्र विद्वत परिषद धमतरी के अध्यक्ष पंडित अशोक शास्त्री ने बताया कि, सनातन धर्म में मकर संक्रान्ति का विशेष महत्व है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। उत्तरायण देवताओं का दिन कहलाता है। सूर्य का उत्तरायण होने पर दिन बड़ा हो जाता है एवं रात्रि छोटी हो जाती है। मकर संक्रांति को आदिकाल से सूर्य उपासना के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष देव पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को रात्रि दो बजकर 44 मिनट पर सूर्य का उत्तरायण होगा एवं 15 जनवरी को सूर्य उदिया शतभिषा नक्षत्र है। इस दिन तीर्थस्नान, जाप, हवन पूजन, दान करने का महत्व है। इस दिन तिल के लड्डू एवं तिल का उपयोग हवन, तर्पण एवं खाने के लिए और दान के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के शरीर से हुई है। मोक्ष प्राप्ति में इसका विशेष महत्व है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा