(अपडेट )प्रदेश के हर लोकसभा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी संस्थान खोला जाएगा-मुख्यमंत्री साय
रायपुर ,15 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह में झंडा फहराने और परेड की सलामी के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा- महात्मा गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के नायकों ने भारत देश की गुलामी की बेड़ियां तोड़ दी। बाबा साहेब अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माण का काम शुरू हुआ। संविधान में कबीर की वाणी का सार भी है।हम पूर्वजों को कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। देश में हजारों सेनानियों ने इमरजेंसी का विरोध किया और उन्हें जेल जाना पड़ा।मुख्यमंत्री ने अपने उदबोधन में प्रदेश के हर लोकसभा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी संस्थान और क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू करने की घोषणा की ।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस को खोलने का काम किया जा रहा है जो ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस के तर्ज पर काम करेगा।प्रदेश में नई औद्योगिक नीति को तैयार करने का काम हम कर रहे हैं।औद्योगिक अवसरों को आगे बढ़ाने साथ ही राज्य की स्थिति के अनुसार लागू करने के लिए जो मजबूत अवसर हो सके उसका निर्णय हमारी सरकार ने लिया है।
श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को गढ़ने और संवारने मं मातृ शक्ति का महत्वपूर्ण भूमिका है। तीजा पर भाई अपनी बहनों को भेंट देते हैं। प्रदेश की महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे । बेटी को मजबूत करेंगे तो समाज और देश मजबूत होगा। समाज से आखिरी व्यक्ति के उत्थान के अनुरूप अंतोदय का लाभ , 68 लाख परिवारों को राशन दिया जा रहा है।पूरे राज्य में सबको आवास दिलाने की हमारी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री आवास योजना को जब लाया गया तो लोगों के बीच काफी उम्मीद जगी थी। 18 लाख इंदिरा आवास योजना को देने की तैयारी थी लेकिन पिछले 5 सालों में इस काम को नहीं किया गया। हम लोगों ने यह तय किया है कि अपने प्रदेश में लोगों को आवास देने के लिए तेजी से काम करेंगे। सबको आवास सुनिश्तित करने की जिम्मेदारी के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को आवास दिया जा रहा ।.सबको आवास के साथ ही सबको शुद्ध पेयजल पिलाने के लिए पूरे राज्य में हम तेजी से कम कर रहे हैं।. शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने जलजीवन मिशन का काम कर रहे हैं, 4500 करोड़ का बजट इसके लिए रखा है। 18 जिलों में मल्टी विलेज योजनाओं का काम शुरू किया है। 39 लाख से ज्यादा परिवारों को नल कनेक्शन दे चुके हैं।।आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आयुष्मान भारत और पीएम जनयोजना से छत्तीसगढ़ के 77 लाख परिवारों को 5 लाख का इलाज करा रहे हैं।
स्कूलों में स्थानीय भाषाओं के साथ रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषय भी पढ़ाये जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थी नये समय के अनुरूप स्वयं को तैयार कर सकें। प्रदेश के स्कूलों में न्यौता भोज का आयोजन भी शुरू किया गया है। इसमें जन्मदिन जैसे विशेष अवसरों पर स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने समाज की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। इससे बच्चों का पोषण विकास तो होता ही है, सामुदायिक भावना का भी विकास होता है। पैरेंट्स-टीचर मीटिंग के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में हम काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हमने उच्च शिक्षा में भी अपनाया है। इसके चलते हमारे पाठ्यक्रम रचनात्मक होने के साथ ही रोजगारमूलक भी होंगे ताकि नये समय की जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन उपलब्ध कराये जा सकें और युवाओं को बेहतर रोजगार मिल सके। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए हमने ‘‘छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन‘‘ का गठन किया है। हम आईआईटी की तर्ज पर प्रदेश के हर लोकसभा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी संस्थान आरंभ करने जा रहे हैं। इसके लिए पहले चरण में रायपुर, रायगढ़, बस्तर, कबीरधाम और जशपुर में इनकी स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासी भाइयों को उनके वारिसों को वन अधिकार पत्र स्थानांतरित करने का काम शुरू किया। जनजाति क्षेत्रों में वन जन संग्रह योजना के जरिए वन संग्रह खरीदे जा रहे हैं। तेंदूपत्ता संग्रह समय सीमा में वृद्धि की गई है। इस साल 13 लाख 5000 संग्राहकों को 5 करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान किया गया। युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर देने के लिए यूपीएससी की परीक्षा में छत्तीसगढ़ के युवाओं को आदिम जाति विभाग की तरफ से नई दिल्ली में अभ्यर्थियों के लिए 185 अभ्यर्थियों को निशुल्क कोचिंग मिलेगी। दिल्ली में कहीं भी रहने पर स्टाइपेंड, किराया नहीं देना पड़ेगा।शासकीय नौकरी में युवाओं को 5 साल की छूट, नालंदा परिसर में सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी की सुविधा दी गई ।
18 भाषाओं में प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई- मुख्यमंत्री कि प्रदेश में 211 में पीएम श्री योजना शुरू की गई है जो एक मॉडल स्कूल के तौर पर काम करेगा. हमें 52 स्कूलों की अनुमति मिली है । उसको भी बनाने का काम हम कर रहे हैं ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हमने उच्च शिक्षा में भी जोड़ा है ताकि मानव संसाधन को मजबूत किया जा सके और युवाओं को रोज परक शिक्षा मिल सके ।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल