राज्य के सभी कोषालय में देयकों का प्रस्तुतीकरण अब सिर्फ ऑनलाईन माध्यम से
जगदलपुर, 8 जून (हि.स.)। राज्य शासन के निर्णयानुसार आगामी माह जुलाई 2024 से सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (स्वयं डीडीओ को छोड़कर) राज्य के सभी कोषालय में देयकों का प्रस्तुतीकरण सिर्फ ऑनलाईन माध्यम से करेंगे तथा कोषालयों द्वारा महालेखाकार को भेजे जाने वाले मासिक लेखे को ई-लेखे के रूप में भेजेंगे।
इस प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन हेतु यह आवश्यक है कि सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के पास नेटवर्क की सही स्पीड, देयकों के साथ अपलोड किये जाने वाले दस्तावेज की स्केनिंग करने हेतु समुचित क्षमता वाला स्केनर तथा अन्य आवश्यक इलेक्ट्रानिक सामग्री उपलब्ध हो। साथ ही वैध डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) भी आवश्यक होगा। ई-बिल का प्रस्तुतीकरण तथा निराकरण की प्रक्रिया का एसओपी संदर्भित वित्त निर्देश में दी गई है।
ज्ञातव्य है कि राज्य के सभी कोषालयों में पेपरलेस माध्यम से देयकों का प्रस्तुतीकरण तथा महालेखाकार कार्यालय को पेपरलेस मासिक लेखे भेजे जाने की प्रक्रिया 01 जुलाई 2024 से प्रारंभ की जानी है। इस हेतु आहरण एवं संवितरण अधिकारी स्तर पर आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा ई-कोष सॉफ्टवेयर में ई-पेरोल तथा ई-बिल मॉड्यूल में ऑनलाइन माध्यम से देयक तैयार किये जायेंगे तथा डीएससी का उपयोग करने के बाद देयकों को कोषालय को अग्रेषित किया जावेगा। ई-पेरोल में सिस्टम से जेनरेट होने वाले शेडयूल्स में प्रत्येक में डीएससी तथा ई-पेरोल बिल में एक डीएससी आवश्यक होगा। यदि पे-बिल के साथ कोई डॉक्यूमेंट अपलोड किया जाना है, तो सिग्नेड डॉक्यूमेंट पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड किया जावेगा, जिसमें डीएससी आवश्यक नहीं होगा। ई-पेरोल के अलावा अन्य सभी देयकों हेतु देयक में एक डीएससी तथा सभी संलग्नक (सब-वाऊचर) को स्कैनिंग कर अपलोड किया जाना होगा,जिसमें डीएससी अनिवार्य नहीं होगा।
यदि एक फाइल का साइज 05 एमबी से अधिक है तो कम्प्रेस कर अपलोड किया जाना होगा।,कम्प्रेस करने हेतु ऑनलाइन उपलब्ध किसी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है अथवा देयकों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। सभी अटैचमेंट पीडीएफ फार्मेट में ही अपलोड किया जाना आवश्यक होगा। देयकों को तैयार करने हेतु मेकर (बिल क्लर्क) स्तर तथा चेकर (डीडीओ) स्तर रखा गया है,जिसमें मेकर (बिल क्लर्क) द्वारा देयक तैयार कर चेक लिस्ट का परीक्षण किया जावेगा तथा चेकर (डीडीओ) द्वारा बीटीआर नम्बर, बिल का परीक्षण तथा डीएससी किया जाएगा। कोषालय अधिकारी द्वारा सम्बंधित डीडीओ हेतु ऑनलाइन बीटीआर नम्बर जारी किया जाएगा, इसी नंबर अनुसार देयक कोषालय में अग्रेषित किये जा सकेंगे। सभी डीडीओ द्वारा ऑनलाइन देयक की एक हार्ड कॉपी प्रिंट निकालकर कार्यालय स्तर पर संधारित की जाएगी।
वरिष्ठ कोषालय अधिकारी जगदलपुर संजय सोनवानी ने इस बारे में बताया कि वर्तमान में सभी कोषालयों में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा ऑनलाईन तथा ऑफलाईन दोनों माध्यमों से देयकों का प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है। अतएव समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे राज्य शासन द्वारा जारी नवीन वित्त निर्देश का अवलोकन करने सहित उक्त व्यवस्था को लागू करने की दिशा में उक्त निर्देश का परिपालन सुनिश्चित करें।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे/केशव