भाजपा की साय सरकार एक हजार 38 करोड़ रुपये की धान क्षति की जिम्मेदार -डॉ. चरणदास महंत

 


रायपुर, 4 सितंबर (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बुधवार काे राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि समर्थन मूल्य पर उपार्जित संपूर्ण धान की मिलिंग कराने तथा सुरक्षा एवं रख रखाव में राज्य सरकार के असफल रहने के कारण एक हजार करोड़ से अधिक का धान नष्ट हाे गया है।एक हजार 38 करोड़ रुपये की इस राष्ट्रीय क्षति के लिए जिम्मेदार प्रदेश की भाजपा सरकार है।

उन्हाेंने बताया कि खरीफ फसल 2023 के धान की खरीद के दौरान ही भाजपा की सरकार आ गई थी। कांग्रेस की सरकार के सुशासन के कारण प्रदेश के किसानों के द्वारा इतिहास का सर्वाधिक धान उत्पादन किया गया। इसीलिए समर्थन मूल्य पर अब तक की सर्वाधिक 144 लाख 92 हजार मैट्रिक टन धान की खरीद हुई। जो अनुमानित मात्रा 130 लाख मीट्रिक टन से 15 लाख मीट्रिक टन अधिक थी। राज्य सरकार द्वारा धान की इस मात्रा के भंडारण, मिलिंग तथा चावल के उपार्जन एवं भंडारण की कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई। भाजपा की लचर सरकार के कुशासन के कारण इस संपूर्ण धान की न तो समय पर मिलिंग हुई और न ही खरीद केन्द्रों तथा संग्रहण केन्द्रों पर बचे हुए धान की सुरक्षा एवं रखरखाव की समुचित व्यवस्था की गई। इसका दुष्परिणाम यह हुआ है कि 02 सितंबर 2024 की स्थिति में धान खरीद केन्द्रों से चार लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान का उठाव तथा संग्रहण केन्द्रों से 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल धान का उठाव नहीं किया जा सका है।

खरीद केन्द्रों पर जो चार लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान शेष दिख रहा है वह पूरी तरह से नष्ट हो चुका है, इस धान की कुल लागत 166 करोड़ 56 लाख रुपये होती है। यह शुद्ध रूप से राष्ट्रीय क्षति है। संग्रहण केन्द्रों में शेष धान 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल की कुल लागत 870 करोड़ 99 लाख रुपये होती है, इसमें से भी अधिकांश धान पानी से डैमेज हो चुका है, इसलिए कस्टम मीलिंग के लिए राईस मिलर्स इसका उठाव नहीं कर रहे हैं। कुल मिलाकर एक हजार 37 करोड़ 55 लाख रुपये का धान खराब हुआ है।

जिला बस्तर, सुकमा, रायगढ़, सारंगढ़, राजनांदगांव, खैरागढ़, गरियाबंद, महासमुंद, बलरामपुर, तथा सरगुजा में भी भारी मात्रा में उपार्जन केन्द्रों पर धान नष्ट हुआ है।

इसी प्रकार विपणन संघ के जिला बस्तर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, धमतरी तथा गरियाबंद में बड़ी मात्रा में धान शेष है जो कि वर्षा के पानी से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है और इस धान की मिलिंग करके यदि चावल बनाया जाएगा तो वह मानव के खाने योग्य नहीं होगा, वह चावल या तो पशु आहार बनाने के काम आएगा अथवा शराब बनाने के काम आएगा।

उपार्जित धान में से कुल 142 लाख 32 हजार 735 मीट्रिक टन धान कस्टम मिलिंग करने के लिए राइस मिलर्स को जारी किया गया है। धान की इस मात्रा का 67 प्रतिशत अर्थात् 95 लाख 35 हजार 932 मीट्रिक टन अरवा चावल एफ.सी.आई. तथा नागरिक आपूर्ति निगम में जमा हो जाना चाहिए था, परंतु 02 सितम्बर 2024 तक 68 लाख 21 हजार 77 मैट्रिक टन चावल ही जमा हुआ था। अर्थात् 27 लाख 14 हजार 855 मैट्रिक टन चावल जमा नहीं हुआ है इस चावल का कुल मूल्य 10 हजार 27 करोड़ 32 लाख रूपये होता है। केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों ही चावल का भंडारण करने के लिए पर्याप्त गोदामों की व्यवस्था करने में असफल रहे हैं। इसलिए भी धान के नष्ट होने की स्थिति निर्मित हुई है। 1038 करोड़ रूपये के इस राष्ट्रीय क्षति के लिए जिम्मेदार प्रदेश की भाजपा सरकार है।

पहले हुए तीन मुठभेड़ाें में लाेंगाें की हत्याओं पर उठे थे सवाल : दीपक बैज

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दंतेवाड़ा बीजापुर की सीमा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में नाै नक्सली मारे गये। पांच साल की कांग्रेस सरकार के दौरान विश्वास विकास सुरक्षा के मूलमंत्र को लेकर जो प्रयास हुये बस्तर के दूरस्थ इलाको में कैम्प बनाये गये सड़को, पुलियों, पुलों का जाल बिछा उससे सुरक्षाबलों की पहुंच अंदर तक हुई। हम उम्मीद करते हैं कि इस मुठभेड़ में कोई सवाल न खड़ा हो किसी निर्दोष की हत्या न हुई हो। अभी तक तीन मुठभेड़ों में 30 से अधिक लोगों की हत्याओं पर गांव वालों ने सवाल खड़ा किया था।

विधानसभा चुनाव में वादा किया था 18 लाख प्रधानमंत्री आवास बनायेंगे। कहा था 18 लाख आवास स्वीकृति के बाद अपने सीएम हाउस में जायेंगे। आज दावा कर रहे कि 8 लाख मकानों की केंद्र ने स्वीकृति दिया है। मतलब अपने वादे से 10 लाख कम मकान दिया है। आज जो 8 लाख मकान की स्वीकृति का दावा कर रहे उसका पहला किश्त भी हमारी सरकार ने दिसंबर 2023 के पहले कर दिया था। कांग्रेस सरकार ने इसके लिये 3200 करोड़ का प्रावधान किया था। नया एक भी मकान स्वीकृत नहीं हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल