भाजपा की रमन सिंह की सरकार में मुस्लिम संप्रदाय के 23 जातियों को ओबीसी का सर्टिफिकेट जारी किया गया-कांग्रेस

 


रायपुर, 27 मई (हि.स.)। फर्जी जाति प्रमाण पत्र और आरक्षण के मसले पर भारतीय जनता पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि रमन सरकार के दौरान ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ। जानबूझकर षडयंत्र पूर्वक उनके अवसर कम किए गए। छत्तीसगढ़ में 2013 में जब भारतीय जनता पार्टी की रमन सिंह की सरकार थी तब मुस्लिम संप्रदाय के 23 जातियों को ओबीसी का सर्टिफिकेट जारी किया गया।

ओबीसी आयोग की वेबसाइट में उक्त संदर्भ में अधिसूचना प्रकाशित की गई। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते उन्होंने मुस्लिम संप्रदाय की 70 जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में खड़े होकर स्वीकार किया कि उन्होंने 52 मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। हकीकत यह है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ओबीसी के अधिकारों को बांटने और छीनने का काम किया है।

सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जितने भी मामले उजागर हुए हैं, लगभग सारे मामले भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल के है। 2003 से 2018 के बीच 267 प्रकरणों में जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। भाजपा नेताओं के संरक्षण में फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारीयो को संरक्षण मिला और तत्कालीन भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही फर्जी प्रमाणपत्र धारी न्यायालय से स्टे पा गए जो आज तक सरकारी नौकरी कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल