जिले में आशानुरूप नहीं हो रही वर्षा, किसान चिंतित
धमतरी, 13 जुलाई (हि.स.)। आषाढ़ माह खत्म होने में कुछ ही दिन शेष है, लेकिन वर्षा काफी पिछड़ी हुई है। संतोषप्रद वर्षा नहीं होने से खरीफ खेती-किसानी अधूरा है। किसानों के पास रोपाई के लिए सिंचाई पानी नहीं है। खेतों में तैयार हो रही धान फसल तेज धूप व गर्मी के कारण पीला व लाल होने लगे हैं, इससे बोता धान फसल पर अब खतरा मंडराने लगा है। फसल बचाने और खरीफ खेती-किसानी समय पर पूरा करने के लिए किसानों को झमाझम वर्षा होने का इंतजार है। जुलाई 2023के आषाढ़ माह में जिले का औसत वर्षा करीब 300 मिमी हो गया था, लेकिन इस साल आषाढ़ माह के अधिकांश दिन पूरे होने के बाद भी औसत वर्षा सिर्फ 185 मिमी है।
पिछले साल की तुलना में औसत वर्षा 100 से 120 मिमी कम है। धमतरी तहसील में एक जून से अब तक सिर्फ 129 मिमी बारिश हुई है। कुरूद तहसील में 138 मिमी, मगरलोड तहसील में 129 मिमी, नगरी तहसील में 374 मिमी, भखारा तहसील में 141 मिमी, कुकरेल तहसील में 152 मिमी और बेलरगांव तहसील में 235 मिमी वर्षा हुई है। जानकारी के अनुसार आषाढ़ माह में अच्छी बारिश नहीं होने से इस साल जिले के सभी चारों बांधों की स्थिति चिंताजनक है। गंगरेल बांध में सिर्फ सवा छह टीएमसी है। भिलाई स्टील प्लांट के लिए यहां से पानी देना बंद कर दिया गया है। रेडियल गेट से पानी नहीं निकल पा रहा है। बांध का नजारा सूखा हो चुका है। बारिश माह होने के बाद भी यहां के पर्यटन क्षेत्रों में अब तक हरियाली नहीं बिखर पाई है। वहीं मुरूमसिल्ली बांध सूखा है। सोंढूर व दुधावा में सिर्फ सवा एक-एक टीएमसी जलभराव है। बांधों को भी अपनी प्यास बुझाने के लिए अब झमाझम बारिश होने का इंतजार है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / चन्द्र नारायण शुक्ल