रूद्री में बूढ़ादेव-बूढ़ीमाई का पेनथाणा स्थापित
धमतरी , 9 जुलाई (हि.स.)। रूद्रेश्वर घाट के समीप बूढ़ादेव और बूढ़ीमाई का पेनथाणा की स्थापना गोड़ समाज के गढ़ धमधा की तरह धूमधाम से किया गया। आकर्षक प्रतिमा स्थापना आदिवासी रीतिरिवाज से की गई। समाज के गायता पुजारियों ने पूजा संपन्न कराया। बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरूष और युवक-युवतियां शामिल हुई।
स्थापना के पूर्व ग्राम-बेन्द्रानवागांव से डांग डोली और बाजे गाजे के साथ कलशयात्रा निकाली गई। रूद्री के इशर गौरा-चौक से बूढ़ादेव,बूढ़ीमाई की प्रतिमा को वाहन में सजाकर कलशयात्रा आगे बढ़ी। युवा डीजे की धुन में रेलापाटा करते हुए थिरकते नजर आए। समाज प्रमुखों के अनुसार रामलाल पडौटी परिवार ने 1954 में रूद्रेश्वर महादेव मंदिर के बाजू बूढ़ादेव मंदिर की स्थापना की गई थी। जिनका जीर्णोध्दार कर गोंड़ समाज रूद्रेश्वर परिक्षेत्र व्दारा बूढ़ादेव और बूढ़ीमाई की भव्य पेनथाणा बनाया गया है। इस पेनथाणा को बनाने के लिए समाज के कई दानदाताओं ने सहयोग किया। यहां वैभव इंफ्रा बिल्डकान धमतरी ने प्रतिमा एवं विशेष श्रृंगार दिया। इस अवसर पर रूद्रेश्वर घाट में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
परिक्षेत्र के अलग-अलग गांवों से कलाकारों ने रेला पाटा एवं अन्य आदिवासी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वहीं अंत में सामूहिक रेलापाटा का भी आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए परिक्षेत्र अध्यक्ष लाल सिंह चन्द्रवंशी ने कहा कि सामाजिक सहयोग से इस पेनथाणा का निर्माण किया गया है। समाज में सामाजिक एकता लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। तहसील अध्यक्ष जयपाल सिंह ठाकुर ने कहा कि आदिवासी समाज बूढ़ादेव को मानते हैं और बूढ़ादेव का यहां ऐतिहासिक पेनथाणा बनने से अब आदिवासियों की दार्शनिक स्थल भी कहलाएगा। वहीं युवा प्रभाग सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष खिलेन्द्र पडौटी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के सभी पुरोधागण लगातार आदिवासियों के हितों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, हमें उनसे सीख लेने की जरूरत है। इस अवसर पर जीवराखन मरई,उदय नेताम,ढालूराम ध्रुव,मानसिंह मरकाम,रिखीराम ध्रुव,गोपीचंद नेताम,राजेन्द्र पडौटी,मनराखन नेताम,शेषनारायण ध्रुव,असवंत ध्रुव,कृष्णा नेताम, शिव नेताम, हुलार सिंह कोर्राम,संतोष ध्रुव,मिथलेश सिंह कुंजाम,रामेश्वर मरकाम,केवल नेताम सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।
समरससमरससमरस
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / गायत्री प्रसाद धीवर