धमतरी : पंथी नर्तकों ने दी पंथी नृत्य की सशक्त प्रस्तुति, आयोजन में प्रचार-प्रसार का रहा अभाव

 


धमतरी, 22 दिसंबर (हि.स.)। जिला स्तरीय गुरु घासीदास लोककला महोत्सव 2025 का आयोजन सोमवार को विंध्यवासिनी मंदिर के पीछे स्थित सामुदायिक भवन, धमतरी में हर्षोल्लास एवं सांस्कृतिक गरिमा के साथ संपन्न हुआ। महोत्सव का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोककला, परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं प्रोत्साहन को बढ़ावा देना रहा।

कार्यक्रम में पंथी नृत्य की आकर्षक, अनुशासित और भावपूर्ण प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। जिला स्तरीय इस प्रतियोगिता में ज्ञानधारा पंथी नृत्य दल, ग्राम मोतिमपुर विकासखंड मगरलोड तथा जग के अंजोर पंथी नृत्य दल, ग्राम करेठा विकासखंड एवं जिला धमतरी ने सहभागिता की। दोनों दलों के मध्य हुई सशक्त प्रस्तुतियों ने गुरु घासीदास की शिक्षाओं और सामाजिक समरसता के संदेश को जीवंत कर दिया।

निर्णायक मंडल के मूल्यांकन में जग के अंजोर पंथी नृत्य दल, ग्राम करेठा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि ज्ञानधारा पंथी नृत्य दल, ग्राम मोतिमपुर को द्वितीय स्थान मिला। दोनों दलों की प्रस्तुतियों को उपस्थित दर्शकों एवं अतिथियों ने सराहा। चयनित दोनों दल 26 से 28 दिसंबर 2025 तक विकासखंड नवागढ़, जिला बेमेतरा में आयोजित राज्य स्तरीय गुरु घासीदास लोककला महोत्सव में जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे। जिला प्रशासन की ओर से प्रतिभागी दलों को शुभकामनाएं दी गई हैं।

जिला स्तरीय इस महत्वपूर्ण आयोजन में प्रचार-प्रसार की कमी स्पष्ट रूप से देखने को मिली। समाजजनों का कहना है कि प्रशासन द्वारा पर्याप्त प्रचार नहीं किए जाने के कारण अधिक संख्या में पंथी नृत्य दल प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सके। पंथी नृत्य स्पर्धा में केवल दो टीमें ही पहुंच पाईं और दर्शकों की उपस्थिति भी सीमित रही। समाज के वरिष्ठजनों का मानना है कि यदि जिला स्तर पर ऐसे आयोजनों का व्यापक प्रचार किया जाए, तो न केवल अधिक दल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे, बल्कि लोककला प्रेमियों की भी बड़ी संख्या में सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी। इससे छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को और अधिक सशक्त मंच मिल पाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा