दक्षिण पश्चिम मानसून 13 जून के बाद होगा सक्रिय,बस्तर में झमाझम बारिश की संभावना

 


जगदलपुर, 12 जून (हि.स.)। मौसम विभाग ने 8 जून को सूचना जारी की थी कि मानसून बस्तर के सुकमा से छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुका है। जबकि अभी प्रदेश में मानसून पंहुचने में एक-दो दिन और लग सकता हैं। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून 8 जून को ही दक्षिण बस्तर के सुकमा तक पहुंच गया था, लेकिन अरब सागर से आने वाली मराठवाड़ा के ऊपर स्थित ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के कारण रूक गया था। इसके कारण मानसून बस्तर में सक्रिय नहीं हो रहा था, लेकिन अब चक्रवाती परिसंचरण समाप्त होने से हवा सामान्य हो रही है।

बस्तर में पिछले तीन दिनों से मानसूनी बादलों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। मंगलवार सुबह से ही बादल मंडराते रहे, कभी धूप निकल रही थी तो कभी बादल छा रहा था। मौसम विभाग ने दावा किया है कि 13 जून के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय होने के साथ ही बस्तर में झमाझम बारिश होने की संभावना है। आज बस्तर संभाग में सुबह से ही मानसूनी घनघोर बादल छाये रहे लेकिन बारिश नही हुई।बीते मंगलवार की रात 9 बजे के आस-पास जोरदार अंधड़ के साथ हल्की बूंदा-बांदी हुई थी।

मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एचएपी चन्द्रा ने बताया कि वायुमण्डल में एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से नागालैंड तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। साथ ही एक विंड शेयर जोन 17 डिग्री उत्तरं में 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। मराठवाड़ा के ऊपर स्थित ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण के समाप्त हो जाने के कारण पश्चिम में स्थित अरब सागर से आने वाली सामान्य होने की संभावना है। जिसके कारण प्रदेश में मानसून की गतिविधि बढ़ने की संभावना है। उन्होंने दावा किया है कि 13 जून के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय होने के साथ ही जमकर बारिश होने की संभावना है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे/केशव