बलिदानी टकेश्वर निषाद पंचतत्व में विलीन, पत्नी ने दी मुखाग्नि
धमतरी, 14 अक्टूबर (हि.स.)।सर्चिंग के दौरान हादसा में बलिदान हुए जवरगांव निवासी सीआरपीएफ जवान टकेश्वर निषाद का पार्थिव शरीर 14 अक्टूबर को गांव पहुंचा। बलिदानी की पत्नी, माता-पिता, भाई समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुराहाल रहा। बलिदानी टकेश्वर निषाद को अंतिम विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा। सैन्य सम्मान व गार्ड आफ आनर के साथ अंतिम विदाई देकर बलिदानी टकेश्वर निषाद का अंतिम संस्कार किया गया। बलिदानी की पत्नी व छह माह की बेटी ने मुखाग्नि दी, तो सबकी आंखे छलक गई।
बलिदानी टकेश्वर निषाद के पार्थिव शरीर को वाहन में लेकर सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान 13 अक्टूबर की रात धमतरी पहुंचे। पार्थिव शरीर को जिला अस्पताल में जवानों की सुरक्षा में रखा गया। 14 अक्टूबर सोमवार की सुबह फूल-मालाओं से सजी सीआरपीएफ वाहन से बलिदानी के पार्थिव शरीर को स्वजन व ग्रामीणों की भीड़ बलिदानी टकेश्वर निषाद अमर रहे के जयकारे करते हुए जिला अस्पताल से रत्नाबांधा रोड होते हुए निकले, तो शहरवासियों की आंखे भर आई। जगह-जगह बलिदानी के पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि देकर नमन किया गया। उनके पार्थिव शरीर को शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए ग्राम कोलियारी, अछोटा, भोयना और मथुराडीह से गृह ग्राम जंवरगांव पहुंची। इस दौरान लोगों की लंबी रही। ग्रामीण अंचलों में भी जगह-जगह फूलों की वर्षा कर बलिदानी को अंतिम विदाई दी।
जैसे ही बलिदानी टकेश्वर निषाद का पार्थिव शरीर गृहग्राम जंवरगांव पहुंचे, तो रास्ते, घरों के सामने, छतों और गलियों में बैठे सैकड़ों ग्रामीणों की आंखे भर आई। बलिदानी के पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही पत्नी सीमा निषाद, पिता पुनीतराम निषाद, मां अंजनी निषाद और बड़े भाई दानीराम निषाद समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल रहे। बलिदानी के अंतिम दर्शन के लिए घर के पास सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों समेत आसपास गांवों और स्वजनों की भीड़ लग गई। अंतिम दर्शन के बाद बलिदानी टकेश्वर निषाद अमर रहे के नारे के साथ गांव के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार के लिए ले गया। यहां स्वजनों, ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, सीआरपीएफ सातवीं बटालियन और जिला पुलिस के अधिकारी और जवानों ने बलिदानी को पुष्पांजलि अर्पित कर अंतिम श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात सैन्य सम्मान व गार्ड आफ आनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। पत्नी सीमा निषाद 23 वर्ष ने पति के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी छह माह की बेटी चेतना निषाद भी साथ में थी।
अंतिम संस्कार में सीआरपीएफ सातवीं बटालियन के अधिकारी वाय के निक्सन, संतोष मिश्रा,सुरेन्दर सिंह, केंद्रीय रिजर्व पुलिस के अधिकारी हंसराज मिंज, एसआई सरिता मानिकपुरी, आरके साहू, जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्यामा साहू, नरेश साहू, लीला राम निषाद, सरपंच जंवरगांव सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
सीआरपीएफ सातवीं बटालियन के उच्च अधिकारी ने बलिदानी की पत्नी सीमा निषाद और पिता पुनीत राम निषाद को तिरंगा झंडा सौंपा और आर्थिक मदद भी की। जानकारी के अनुसार बलिदानी टकेश्वर निषाद वर्ष 2020 में सीआरपीएफ की नौकरी ज्वाइन किया था। पहली पोस्टिंग झारखंड में मिली थी। चार सालों तक देश सेवा करते हुए बलिदान हुए है। बलिदानी के परिवार में आठ सदस्य है। सीआरपीएफ सातवीं बटालियन के अधिकारी ने बताया कि बलिदानी टकेश्वर निषाद वीर सिपाही था। कैंप में होने वाले सभी खेल में भाग लेते थे। एक साल से बालाघाट में पदस्थ थे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा