महतारी वंदन योजना : दो दिनों में 7.78 लाख महिलाओं ने भरा आवेदन
रायपुर, 7 फ़रवरी (हि.स.)। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आरंभ की गई महतारी वंदन योजना के लाभ के लिए दूसरे दिन मंगलवार को भी बड़ी संख्या में आवेदन भरने का सिलसिला जारी रहा। इस योजना के तहत दो दिनों में ही 7 लाख 77 हजार 905 आवेदन प्राप्त हुए हैं। दूसरे दिन 6 फरवरी को 5 लाख 96 हजार से अधिक महिलाओं ने आवेदन जमा किया। अब तक सर्वाधिक 61 हजार 994 आवेदन जांजगीर जिले में भरे गए हैं। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत महासमुंद जिले में 60 हजार 187 तथा दुर्ग जिले में 56 हजार 826 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार महतारी वंदन योजना के तहत पात्र महिलाओं से सहजता से आवेदन प्राप्त करने एवं उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन के लिए सभी जिलों में कलेक्टरों के निर्देशन में बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रक्रिया में अधिक समय न लगे इसके लिए प्रशासन ने पात्रता संबंधी नियमों को बताने और जरूरी दस्तावेज चेक करने के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
प्रदेश में हर तरफ महतारी वंदन का माहौल है। आवेदन भरने को लेकर सभी जिलों में लग रहे कैंपों में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस योजना के लाभ को लेकर महिलाओं में बेहद उत्साह है। महिलाओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर महीने मिलने वाली एक हजार रूपए की राशि से वह अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगी।
जिलावार प्राप्त आवेदन- महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक बालोद में 23391, बलौदाबाजार में 8791, बलरामपुर में 15522, बस्तर में 35590, बेमेतरा में 37847, बीजापुर में 2428, बिलासपुर में 37970, दंतेवाड़ा में 14719, धमतरी में 15863, दुर्ग में 56826, गरियाबंद में 21189, जांजगीर में 61994, जशपुर में 5367, कांकेर में 9706, कवर्धा में 30837, कोंडागांव में 27396, कोरबा में 23348, कोरिया में 8447, महासमुंद में 60187, मुंगेली में 16896, नारायणपुर में 926, रायगढ़ में 18828, रायपुर में 43126, राजनांदगांव में 32776, सरगुजा में 12735, सुकमा में 3063, सूरजपुर में 46682, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 24810, सक्ती में 16363, खैरगढ़-छुईखदान-गण्डई में 8628, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 4159, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 5743, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 41392 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ गेवेन्द्र