लोस 24 :छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट में कांग्रेस का पलड़ा रहा है भारी

 


रायपुर, 16 मार्च (हि.स.)। देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है छत्तीसगढ़ में 19 अप्रैल को 1 सीट पर, 26 अप्रैल को 3 सीट पर और 7 मई को 7 सीटों पर चुनाव होंगे।इस बार राज्य से सबसे दिलचस्प मुकाबला कोरबा लोकसभा सीट पर पर होना है।2019 में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत यहां से सांसद बनीं। 2008 में अस्तित्व में आने के बाद कोरबा सीट पर पहला लोकसभा चुनाव कोरबा 2009 में हुआ। जिसमें कांग्रेस के चरण दास महंत ने भाजपा की करुणा शुक्ला को हराया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बंशीलाल महतो ने कांग्रेस के चरण दास महंत को हरा दिया था।परिसीमन के बाद बनी कोरबा सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से दो बार कांग्रेस और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है।

परिसीमन के बाद साल 2008 में कोरबा लोकसभा सीट का गठन हुआ था। इससे पहले कोरबा सीट जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत थी। तब बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम ने 1984 जांजगीर से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। पर उन्हें तब हार का सामना करना पड़ा था। सबसे पहले कांग्रेस ने यहां तब जांजगीर सीट से वर्ष 1957 में मिनीमाता अगमदास गुरू को उम्मीदवार बनाया और वह सांसद बनी। इसके बाद वर्ष 1962, 1967 व वर्ष 1971 में चुनाव लड़ी और लगातार जीत हासिल की। वर्ष 2004 में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटलबिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को प्रत्याशी बनाया और वे सांसद निर्वाचित हुई।

इस बार लोकसभा चुनाव में यहां से इस बार भाजपा की तेज तर्रार और कद्दावर नेता सरोज पांडेय का मुकाबला कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत से होना है। जिन्हें 'दीदी' और 'भाभी' के नाम से जाना जाता है।सरोज पांडे को उनके समर्थक प्यार से 'दीदी' कहते हैं, जबकि ज्योत्सना महंत को राजनीतिक हलकों में 'भाभी' के रूप में पहचाना जाता है। ज्योत्सना महंत ,छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी है।

कोरबा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और मरवाही आती हैं।वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने भारतीय जनता पार्टी के ज्योतिनंद दुबे को 26,349 हजार वोटों से मात दी थी।ज्योत्सना महंत को 5,23,410 लाख यानी 46 फीसदी वोट मिले थे ,जबकि दुबे को 4,97,061 लाख यानी 43 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, तीसरे नंबर पर 37,417 हजार मत लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम रहे थे।

कोरबा लोकसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है।कोरबा लोकसभा में रामपुर, पाली तानाखार, भरतपुर सोनहत जैसी सीट भी शामिल है, जो कि आरक्षित विधानसभा सीटें हैं। इसके अलावा कोरबा, कटघोरा सहित मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर और मरवाही विधानसभा सीट भी कोरबा लोकसभा में शामिल है। कोरबा लोकसभा के सीट में शहरी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक है। इसलिए सिर्फ शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के वनांचल और गांव में रहने वाले आदिवासी भी यहां से अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। उनमें से 7,49,560 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 7,59,225 हैं। थर्ड जेंडर के मतदाता 55 हैं। कोरबा लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में 11,37,003 मतदाताओं ने मतदान किया था।जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 5,74,105 और महिला मतदाता 5,60,913 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 75.35 प्रतिशत रहा था।

कोरबा संसदीय सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 138,716 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 9.2प्रतिशत है।जबकि अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 670,962 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 44.5प्रतिशत है।यहां पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 52,774 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 3.5 प्रतिशत है।कोरबा संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 1,029,813 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 68.3 प्रतिशत है।जबकि शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 477,966 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 31.7प्रतिशत है।

कोरबा लोकसभा सीट में शामिल कुल विधानसभा क्षेत्रों में बीते विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के पास मात्र एक सीट रामपुर ही बच पाई है। पिछली बार 7 सीटें थी, महज एक सीट भाजपा के पास थी। इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पाली-तानाखार विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी पैठ बढ़ाई है।इनमें रामपुर विधानसभा सीट में ही कांग्रेस के फूलसिंह राठिया विधायक हैं। जबकि पाली-तानाखार विधानसभा सीट से गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के तुलेश्वर सिंह मरकाम विधायक है। शेष छह विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को इस बार कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। पिछली बार कांग्रेस ने सर्वाधिक लीड पाली- तानाखार विधानसभा से ली थी, उस वक्त इस सीट से कांग्रेस के मोहितराम केरकेट्टा विधायक थे। इस बार यहां स्थिति बदल चुकी है।

कांग्रेस ने कोरबा लोकसभा सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में 26 हजार 349 मतों से जीत हासिल की थी। उस समय रामपुर और पाली-तानाखार में ही सबसे अधिक बढ़त मिली थी।कोरिया जिले के तीनों विधानसभा बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर-सोनहत में पार्टी पिछड़ी थी। जहां पिछली बार तीनों सीट पर कांग्रेस के विधायक थे। इस बार विधानसभा चुनाव के बाद 6 सीटों के परिणाम के आधार पर भाजपा की लीड 60 हजार 154 है। कोरबा जिले में लीड 6034 की है।सर्वाधिक लीड मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत और मरवाही में है, जहां 54 हजार से अधिक की लीड है।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा