कवासी लखमा पुत्र मोह में अंधे हो गए हैं, स्वयं भी लोकसभा जीत नहीं सकते : दीपिका
सुकमा, 10 मार्च (हि.स.)। बस्तर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री व वर्तमान कोंटा विधायक कवासी लखमा अपने पुत्र जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इस पर सुकमा की आदिवासी नेत्री भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष दीपिका शोरी ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि कवासी लखमा पुत्र मोह में अंधे हो चुके हैं, यदि वे स्वयं भी बस्तर लोकसभा से खड़े होंगे तो उन्हें प्रचण्ड हार मिलेगी।
भाजपा के महेश कश्यप लाखों मतों के अंतर से उन्हें पराजित कर बस्तर की जनता की आवाज बनेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि पूर्व की सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा ने सुकमा के साथ-साथ बस्तर के हित के लिए क्या कार्य किया है, पहले इसका हिसाब बस्तर की जनता के सामने रखें उसके बाद लोकसभा लड़ने की बात करें।
दीपिका शोरी ने कहा कि आबकारी मंत्री के कार्यकाल में सुकमा जिला जो उनका विधानसभा क्षेत्र था सिर्फ अवैध शराब बिक्री का केंद्र बनकर रह गया था, इन्होंने युवाओं को किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं दिया लोकसभा लड़ने से पहले जनता के बीच जाकर अपने पूरे 25 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब दें उसके बाद लोकसभा का चुनाव लड़ने की बात करें। बस्तर की जनता बहुत अच्छे से इन्हें पहचान गई है और इसका जवाब चुनाव में इन्हें जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूरे पांच वर्षों तक जब तक कवासी लखमा मंत्री रहे कभी भी एनएच 30 की सुध नहीं ली।
मंत्री पद से हटने के तुरन्त बाद उनकी नौटंकी चालू हो गई थी। लेकिन वे यह न भूलें कि यही वो जनता है, जिन्होंने भूपेश सरकार को मौका दिया था और वही जनता है जिसने उन्हें धरातल पर पटक दिया। एनएच 30 से गुजरने वाली बस्तर की जनता इस सड़क के दर्द को नहीं भूली है। अगर लखमा में हिम्मत है तो वो खुद लोकसभा के चुनाव में उतरें उन्हें अपनी लोकप्रियता का जो भ्रम है, वह दूर हो जाएगा। हम प्रचण्ड मतों से जीतकर पुन: एक बार मोदी को प्रधान सेवक बनाकर जनता के हित में कार्य करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे