कांगेर घाटी लैंडस्केप स्तरीय प्राकृतिक पुर्नस्थापना कार्ययोजना हेतु कार्यशाला का आयोजन
जगदलपुर, 16 जनवरी(हि.स.)। कांगेर घाटी और आस पास के प्राकृतिक संसाधनों पर दिन ब दिन बढ़ते विभिन्न प्रकार के दबावों को बाहरी छेत्र में ही रोकने के उद्देश्य से मंगलवार को वन विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत बहने वाली कांगेर नदी के कैचमेंट क्षेत्र को आधार बनाकर लैंडस्कैप आधारित पुर्नस्थापना कार्ययोजना हेतु चर्चा की गई।
राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशिल गणवीर ने बताया की इस कार्ययोजना के लिए विभिन्न विभाग एवं संस्थाओं से समन्वय स्थापित किया जा रहा है।जिसमें कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन समन्वयक के रूप में कार्य रहा है। योजनान्तर्गत सम्मिलित ग्रामों में वृक्षारोपण, भू-जल संरक्षण, कृषि वानिकी, उद्यानिकी, आजीविका, संस्कृतिक संरक्षण आधारित गतिविधियां सम्मिलित हैं।
कार्यशाला में विभिन्न विभागों और संस्थानो से प्रतिनिधि उपस्थित रहे।जिन्होंने कार्ययोजना से संबधित विषयों पर चर्चा की और सभी ने अपने विभागीय और संस्थागत कार्यो के बारे में बताया।साथ ही विचार किया गया कि कैसे उनका इस प्राकृतिक पुर्नस्थापना योजना तैयार करने में योगदान हो सकता है।
इस एक दिवसीय कार्यशाला में एफईएस संस्था से नमिता मिश्रा, मनोज कुमार-प्रदान संस्था, डॉ. अलोक भार्गवा , प्रीतम गुप्ता-प्रदान संस्था, शेखर गंजीर-आओ हाथ बढाये संस्था, पवन कुमार जिला पंचायत बस्तर, जीत सिंह आर्य -अनएक्स्प्लोरड बस्तर, मनीषा-अग्रीकॉन संस्था, दीपक सिंह-कॉमन लैंड से, सुरेश ठाकुर उप संचालक उद्यानिकी विभाग, एस आर नेताम एग्रीकल्चर विभाग से ,अनुभव शोरी एटीआरईई से योगेश रात्रे एसडीओ बस्तर वनमण्डल तथा कमल तिवारी एसडीओ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे