धमतरी : खरीफ धान फसल के लिए महानदी मुख्य नहर में छोड़ा सिंचाई के लिए पानी
धमतरी, 18 अगस्त (हि.स.)। खरीफ की तैयार हो रही धान फसल की सिंचाई के लिए रूद्री बैराज से महानदी मुख्य नहर में 2853 क्यूसेक सिंचाई पानी छोड़ा जा रहा है। इससे किसानों को राहत मिली है।
अच्छी बारिश से खरीफ खेती-किसानी कार्य पूरा हो चुका है। खेतों में निंदाई का कार्य जोरों पर है। सावन माह खत्म होने में अब सिर्फ एक दिन शेष रह गया है। माह के आज अंतिम दिन है। बारिश थम गई है और तेज धूप व भारी उमस पड़ रहा है। इससे खेतों में भरा पानी सूख चुका है। मानसून पर निर्भर होकर खेती-किसानी करने वाले किसानों के धान फसल का विकास तेजी से हो रहा है, लेकिन अब सिंचाई पानी की जरूरत है। किसानों की मांग व स्थिति को देखते हुए रूद्री बैराज से महानदी मुख्य नहर में 2853 क्यूसेक सिंचाई पानी छोड़ा गया है, जो सहायक नहरों से होकर किसानों के खेतों में पहुंचेगी। यह सिंचाई पानी धमतरी, बालोद, बलौदाबाजार समेत कई जगहों पर पहुंचेगी, इससे खेतों की प्यास बुझेगी। अच्छी बारिश से रूद्री बांध में भी लबालब पानी भरा हुआ है। सिंचाई पानी छोड़े जाने से किसानों के चेहरे खिल गए है। 35 से 40 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा पर सिंचाई पानी पहुंचता है, इससे किसानों को भारी राहत है।
उल्लेखनीय है कि, जल संसाधन विभाग धमतरी से मिली जानकारी के अनुसार 18 अगस्त की स्थिति में जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में 30.052 टीएमसी जलभराव है, जो अपनी क्षमता से 92 प्रतिशत है। जबकि गंगरेल बांध में बारिश थमने के बाद भी कैचमेंट क्षेत्र से 2362 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। जबकि गंगरेल बांध से 3137 क्यूसेक पानी रूद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है। बांध में उपयोगी जल करीब 25 टीएमसी है। इसी तरह मुरूमसिल्ली बांध में पांच टीएमसी से अधिक जलभराव है। दुधावा बांध में साढ़े आठ टीएमसी और सोंढूर बांध में सवा पांच टीएमसी जलभराव है, जो पर्याप्त है। जिले के सभी बांधों में इन दिनों लबालब पानी भरा हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / गायत्री प्रसाद धीवर