भाजपा के षडयंत्रों के चलते ही जन-सरोकार से संबंधित विधेयक राजभवन में अटके : बैज

 


रायपुर, 27 नवंबर (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ में विपक्ष की भूमिका निभाने में भाजपा पूरी तरह से नाकाम रही है। नकारे जाने के बाद अब केवल झूठ और षडयंत्रों की राजनीति कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में राज्य विधानसभा द्वारा पारित सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण बढ़ाने के उद्देश्य से पारित 76 प्रतिशत नवीन आरक्षण विधेयक सहित नौ कानून लंबे समय से राज्यपाल की सहमति के लिए लंबित हैं, उनमें से कई 2020 की शुरुआत से हैं भाजपा के साजिश के चलते राजभवन में रोके गए हैं।

दीपक बैज ने कहा कि विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को अनुमोदित करने में राजभवन में “अत्यधिक देरी“ को चुनौती देने के लिए अनेको याचिकाएं दायर हैं, जिसके सुनवाई के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राज भवन में विधेयकों को रोके जाने के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की और राज्यपालों को सलाह देते हुए यह कहा कि चुनी हुई राज्य सरकारों के द्वारा पारित विधेयक के संदर्भ में राजभवन को तत्परता बरतनी चाहिए। किसी भी तरह से विटो पावर के रूप में विधेयकों को लंबित रखना अनुचित है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा द्वारा 2020 से 2022 के बीच विधानसभा द्वारा पारित कुल नौ विधेयक राजभवन में लंबित हैं। यह सभी विधेयक राज्यपाल अनुसुइया उइके के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित कर सहमति के लिए राजभवन भेजे गए थे, जो भाजपा के षडयंत्रों के चलते आजतक लंबित है।

दीपक बैज ने कहा कि भाजपा का राजनैतिक चरित्र मूलतः लोकतंत्र विरोधी है। संविधान के अनुच्छेद 200 में राज्य की विधानसभा के द्वारा पारित विधेयक के संदर्भ में राजभवन के दायित्व का उल्लेख है, लेकिन विपक्ष के द्वारा शासित राज्यों में राजभवन को आड़ में दुर्भावना पूर्वक वीटो के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जो सर्वथा अनुचित है। जन सरोकार के महत्वपूर्ण विधेयक को रोकना तीन चौथाई से बड़ी बहुमत से निर्वाचित सरकार का अपमान है, विधायिका का अपमान है, छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल