सिख समाज में गुरु नानक जयंती की धूम
गुरुद्वारा में अखंड पाठ, शबद कीर्तन और भक्ति का उल्लास
धमतरी, 5 नवंबर (हि.स.)। गुरु नानक देव जी महाराज के 556 वें प्रकाश पर्व पर धमतरी के गुरुद्वारे में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। सिख समाज द्वारा पांच नवंबर को भव्य धार्मिक आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर गुरु नानक देव जी के उपदेशों को आत्मसात कर रहे हैं।
सुबह अखंड पाठ साहिब के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। दिनभर शबद कीर्तन और रहिरास साहिब का पाठ गूंजता रहा, जिससे गुरुद्वारे का वातावरण श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हो गया। भक्ति संगीत और गुरु वंदना की सुरलहरियों में श्रद्धालु भावविभोर होकर मत्था टेक रहे हैं। रात्रि 12 बजे गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव पर विशेष आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा, जिससे पूरा क्षेत्र प्रकाश और उल्लास से जगमगा उठेगा। समाज के पदाधिकारियों ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे इस आयोजन में सम्मिलित होकर गुरु नानक देव जी के प्रेम, सेवा और समानता के संदेश को जीवन में उतारें। गुरुद्वारे में तीन दिनों तक अखंड पाठ जारी रहता है, जिसमें निरंतर पाठ और भजन-कीर्तन होते हैं। सुबह-सुबह प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, वहीं कीर्तन दरबार और लंगर सेवा का आयोजन कर सभी को समान भाव से भोजन कराया जाता है। यह पर्व प्रेम, सेवा और भाईचारे का प्रतीक बनकर समाज में एकता और मानवता का संदेश फैलाता है।
गुरु नानक जयंती का आध्यात्मिक संदेश:
गुरु नानक देव जी का संदेश आज भी मानवता के पथ को आलोकित करता है। उन्होंने सिखाया कि सच्चा धर्म बाहरी आडंबरों में नहीं, बल्कि सत्य, प्रेम और सेवा में निहित है। ईश्वर किसी एक स्थान पर सीमित नहीं, बल्कि हर जीव के भीतर विद्यमान है। उन्होंने करुणा, विनम्रता और ईमानदारी को भक्ति का आधार बताया। यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि हम हर प्राणी में परमात्मा का दर्शन करें, समानता का सम्मान करें और सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाएं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा