धमतरी : गुरुपुत्रों का अदम्य साहस और बलिदान है स्मरणीय

 




धमतरी, 26 दिसंबर (हि.स.)। डॉ. हजारीलाल जैन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोपालपुरी में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के अवसर पर गुरुगोविंद सिंह के चार साहसी पुत्रों के बलिदान का भावपूर्ण स्मरण किया गया। कार्यक्रम को शुरुआत प्रेरणास्पद गीत “नमन करें इस मातृभूमि को…” तथा पंजाबी गीत “पित वारिअ ते लाल चारे वारे, ओ हिन्द तेरी शान बदले…” का सामूहिक गायन हुआ

वरिष्ठ व्याख्याता देवेंद्र भारद्वाज ने वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरुगोविंद सिंह के चारों पुत्र लअजीत सिंह, जुंझार सिंह, फतेह सिंह और जोरावर सिंह—ने धर्म और समाज की रक्षा के लिए अत्याचारी औरंगजेब की सत्ता से निर्भीक होकर मुकाबला किया। उन्होंने फतेह सिंह और जोरावर सिंह के अमर बलिदान का मार्मिक वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार दोनों बाल वीरों ने प्रलोभन और भय को ठुकराते हुए अपने धर्म पर अडिग रहकर दीवार में जीवित चिनवाए जाने जैसी क्रूर यातनाएँ सह लीं। उनके साहस ने शासकों को भी यह विश्वास दिला दिया कि ऐसी धरती को लंबे समय तक दास बनाकर रखना असंभव है। वहीं, अजीत सिंह और जुंझार सिंह युद्धभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए।

इस अवसर पर शिक्षक खूबलाल धरमगुड़ी ने गुरु तेगबहादुर के बलिदान का स्मरण कराया, जिन्हें दिल्ली के चांदनी चौक में धर्म की रक्षा हेतु अपना शीश अर्पित करना पड़ा। व्याख्याता वीरेंद्र सिन्हा ने प्रथम गुरु गुरुनानक देव से लेकर दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह तक के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पंचम गुरु अर्जुन देव द्वारा संकलित गुरुवाणी ही आज गुरुग्रंथ साहिब के रूप में विश्व को मार्गदर्शन दे रही है।

कार्यक्रम के समापन सत्र में शिक्षक शांतिभूषण श्रीवास्तव ने सुशासन दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरणादायी कार्यों को याद किया। इस दौरान आयोजित क्विज प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। वीर बाल दिवस का यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा, संस्कार और राष्ट्रभक्ति का सशक्त संदेश लेकर आया।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा