धमतरी : जांच में घटिया पाए गए कचरा संग्रहण रिक्शे एजेंसी को लौटाए जाएंगे, भुगतान रोका

 


धमतरी, 28 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम धमतरी द्वारा करीब आठ माह पूर्व 20 लाख रुपये की लागत से खरीदे गए 80 कचरा संग्रहण रिक्शों की गुणवत्ता पर उठे सवाल आखिरकार सही साबित हुए। शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर गठित जांच टीम ने रिक्शों को घटिया गुणवत्ता का पाया है। इसके बाद निगम ने एजेंसी को रिक्शे वापस करने और उनका भुगतान न करने का निर्णय लिया है।

जानकारी के अनुसार नगर निगम ने शहर के 40 वार्डों में सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से 80 कचरा संग्रहण रिक्शे खरीदे थे। प्रत्येक रिक्शे की कीमत करीब 25 हजार रुपये तय की गई थी। लेकिन जब रिक्शे धमतरी पहुंचे, तभी उनकी गुणवत्ता पर संदेह जताया गया। रिक्शों पर शुरुआती दिनों में ही जंग लगने लगी, जबकि ब्रेक, घंटी, हैंडल, रिंग और अन्य पुर्जों में भी खामियां सामने आईं। शिकायत में यह भी बताया गया कि रिक्शों में प्रयुक्त शीट पतली है तथा बेरिंग और पहिए तय मानकों के अनुरूप नहीं हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए महापौर, निगम आयुक्त और कलेक्टर को शिकायत दी गई। इसके बाद कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के निर्देश पर चार सदस्यीय जांच दल ने रिक्शों की भौतिक जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें सामग्री को निम्न गुणवत्ता का बताया गया। रिपोर्ट के आधार पर सप्लायर फर्म को वापस करने का फैसला किया है।

महापौर रामू रोहरा ने बताया कि बिलासपुर की जिस फर्म से रिक्शों की आपूर्ति की गई थी, उसे सभी 80 रिक्शे वापस ले जाने की सूचना दे दी गई है। फिलहाल ये रिक्शे निगम के गैराज में खुले आसमान के नीचे रखे हैं, जिससे उन पर लगातार जंग बढ़ती जा रही है। इससे सफाई विभाग के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि अपेक्षित संसाधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

गौरतलब है कि रिक्शों की खराब गुणवत्ता को लेकर स्वच्छता दीदियों और सुपरवाइजरों ने भी आपत्ति जताई थी। निगम प्रशासन का कहना है कि जनहित और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा भविष्य में खरीद प्रक्रिया में और सख्ती बरती जाएगी।

गुणवत्ता हीन रिक्शा खरीदी पर छह माह पूर्व कांग्रेस पार्षदों ने उठाया था मामला:

कांग्रेसी पार्षद दीपक सोनकर, विशु देवांगन सहित अन्य पार्षदों ने कहा कि भ्रष्टाचार ,कमीशनखोरी की दुकान बंद करनी होगी। जुलाई माह में ही जब रिक्शा नगर निगम के वर्क शॉप पे लाया गया तभी से कांग्रेसी पार्षदों ने रिक्शा का निरीक्षण कर इसके गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगाया था। कई माह बाद महापौर नींद से जागे और भुगतान रुकवा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा