डीपीएस रिसाली भिलाई में छात्रा  के साथ अनाचार का आरोप लगाते हुए अभिभावकों ने मचाया हंगामा

 


भिलाई/रायपुर, 2 अगस्त (हि.स.)। डीपीएस रिसाली भिलाई में मरोदा के प्राइमरी स्कूल की पांच वर्ष बच्ची के साथ अनाचार होने की घटना और उसे दबाने का आरोप लगाते हुए अभिभावकों ने शुक्रवार सुबह स्‍कूल परिसर में जमकर हंगामा किया और आक्रोश व्यक्त किया।दुर्ग पुलिस ने ऐसी किसी घटना से इंकार किया है।प्रबंधन अपनी ही बातों में उलझता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं अभिभावकों ने यह भी आरोप लगाया है कि पीड़िता को ही स्कूल से निकाल दिया गया है।पुलिस से नाराज अभिभावकों ने कहा कि घटना के 27 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। पांच वर्ष बच्ची के साथ अनाचार होने की घटना पांच जुलाई की बताई जा रही है।ज्ञात हो की दिल्ली पब्लिक स्कूल रिसाली भिलाई में मिडिल स्कूल की तथा मरोदा में प्राइमरी स्कूल की कक्षाएं लगती हैं।

अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में बच्ची के साथ यौन छेड़छाड़ की गई। घटना 5 जुलाई की है। बच्ची के परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गएऔर जांच कराई तो मेडिकल में घटना की पुष्टि हुई है। परिजनों के पास मेडिकल रिपोर्ट भी है,उन्होंने शिकायत की लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबा दिया।अभिभावकों का कहना है कि घटना वाले दिन आया ,बच्ची को लेकर वॉशरूम गई थी। वहां उसे छोड़कर किसी काम से चली गई। इसी बीच स्कूल के ही किसी कर्मचारी ने बच्चों का यौन शोषण किया। बच्ची जब डरी और घबराई हुई घर पहुंची तो माता-पिता उसे डॉक्टर के पास ले गए।स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाया है। उन्होंने मांग की है कि मामले की जांच एसडीएम स्तर के अधिकारी से कराई जाए। स्कूल प्रबंधन ने एफ आई आर कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं आया को भी काम से निकाल दिया गया। पुलिस के साथ मिलकर प्रबंधन मामले को दबा रहा है।

दुर्ग जिले में दिल्ली पब्लिक स्कूल मरोदा में पांच साल की बच्ची के साथ अनाचार होने की घटना और इस मामले में प्रबन्धन और पुलिस प्रशासन द्वारा चुप्पी साधने की खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही थी। लेकिन आज आखिरकार परिजनों का आक्रोश स्कूल प्रबंधन पर फूट पड़ा। डीपीएस मरोदा में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने इस मामले में स्कूल प्रबंधन को घेरने की कोशिश की। स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि बच्चों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार की घटना से स्कूल में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं इस तरह के मामले को दबाया जाना गंभीर अपराध है। प्रबंधन को जवाब देना चाहिए। परिजनों ने प्रबंधन से घटना दिनांक की फुटेज भी मांगी, लेकिन प्रबंधन ने इंकार कर दिया। परिजनों ने बताया कि जब लापरवाही नहीं हुई तो उस महिला अटेन्डेंट को क्यों हटाया गया है।इसके बाद अभिभावकों की ओर से एक कमेटी बनाकर प्रिंसिपल और केजी वन क्लास के टीचर से चर्चा की गई।

स्कूल प्रबंधन की ओर से प्रिंसिपल प्रशांत वशिष्ठ ने बताया कि 5 जुलाई को एक खेल के दौरान बच्ची को उल्टी हुई थी , जिसे साफ करने महिला अटेन्डेंट को भेजा गया था।इसके बाद उस बच्ची के परिजनों ने स्कूल के टीचरों से सम्पर्क किया और इसकी जानकारी दे दी। प्रिंसिपल ने यह भी बताया है कि जिले के किसी बड़े पुलिस अधिकारी ने कुछ दिनों पहले एडमिशन के लिए उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उन्हें नियम विरुद्ध एडमिशन से साफ मना कर दिया था। इसके बाद यह घटना हुई और इस घटना को दूसरा रूप दे दिया गया, लेकिन प्रिंसिपल ने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया। प्रिंसिपल ने किसी भी जांच कमेटी के माध्यम से इसकी जांच करने की बात कही है। अभिभावकों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे । फिलहाल घटनाक्रम को लेकर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और अभिभावकों के बीच बातचीत जारी है। मामले को लेकर कंट्रोल रूम भिलाई में आईजी, एसपी की उच्च स्तरीय बैठक भी चल रही है l

दुर्ग पुलिस की ओर से एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि इस मामले को स्वतः संज्ञान में लेकर पुलिस ने इसमें एडिशनल एसपी के नेतृत्व में टीम गठित कर इस पूरे मामले की जांच की थी l लेकिन बच्ची के साथ लैंगिग छेड़छाड़ या दुराचार का मामला सामने नहीं आया हैl बच्ची और परिजनों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए हमने इसकी गुप्त जांच कराई थी, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टरों के बयान, स्कूल टीचर प्रबन्धन और परिजनों के बयान लिए गएl बारीकी से जांच करने पर इस तरह का कोई तथ्य सामने नहीं आया l जिस पर स्कूल को 4 दिन पहले ही क्लीन चिट दी गई हैl आज पैरेंट्स अपनी कई समस्याओं को लेकर स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने पहुंचे थेl

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा / चन्द्र नारायण शुक्ल