वर्षाकाल में आशानुरूप वर्षा नहीं,धमतरी जिले के बांधों में नहीं है पर्याप्त पानी
धमतरी , 17 जुलाई (हि.स.)।वर्षा के मौसम में आशानुरूप वर्षा नहीं होने से जिले के बांधों में पानी की आवक काफी कम है। अभी भी क्षेत्र के प्रमुख गंगरेल बांध की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, सिर्फ छह टीएमसी जलभराव है। मुरूमसिल्ली बांध सूखा पड़ा है। वहीं गांवों के तालाब, डबरी व गड्ढों में पानी नहीं है। पर्याप्त वर्षा नहीं होने से भूजल स्तर में सुधार नहीं है। सभी अच्छी वर्षा का इंतजार कर रहे हैं।
नगरी तहसील में सबसे अधिक 495 मिमी वर्षा
जिले के नगरी व बेलरगांव तहसील में खंड वर्षा के बीच अच्छी वर्षा हुई है। तीन दिन पहले घंटों वर्षा होने से यहां के गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी। क्षेत्र के नदी-नाला व रपटा ऊफान पर थे। पुल-पुलिया के ऊपर पानी चलने से मार्ग बाधित था। खेत-खलिहान पानी से लबालब भरा हुआ है। रोपाई वाले खेतों में अधिक पानी भरने से अब धान के पौधों के गलने की आशंका बढ़ गई है। अब क्षेत्र के किसानों को बारिश थमने का इंतजार है, ताकि खरीफ खेती-किसानी बेहतर ढंग से कर सके। जिले के नगरी तहसील में इस साल एक जून से 17 जुलाई तक सबसे अधिक 495 मिमी बारिश हुई है और दूसरे नंबर पर बेलरगांव तहसील में 352 मिमी वर्षा हुई है। जबकि धमतरी तहसील में सबसे कम सिर्फ 169 मिमी बारिश हुई। वहीं कुरुद तहसील में 242 मिमी, मगरलोड में 214 मिमी, भखारा में 239 मिमी और कुकरेल में 182 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं जिले में अभी तक सिर्फ 271 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष से कम है। जानकारी के अनुसार उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में 17 जुलाई वर्ष 2023 तक कुल 399 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी, जबकि इस साल 17 जुलाई 2024 तक कुल 271 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है, जो पिछले साल से 128 मिमी औसत वर्षा कम है।
16 टीएमसी अधिक पानी था गंगरेल बांध में
पिछले वर्ष 2023 में गौर करें तो 32 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध में कुल 20 टीएमसी पानी भरा हुआ था, जो क्षमता के 55 प्रतिशत था और 17 जुलाई 2023 को गंगरेल बांध में कैचमेंट एरिया से 3796 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। वहीं 18 जुलाई 2022 में इस बांध में 27 टीएमसी से अधिक जलभराव हो चुका था। जबकि 17 जुलाई 2024 में गंगरेल बांध की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। आषाढ़ माह में धमतरी व कांकेर जिले में अच्छी बारिश नहीं होने से यहां वर्तमान में सिर्फ छह टीएमसी जलभराव है, जो बहुत ही कम है। इस तरह वर्ष 2023 में माड़मसिल्ली जलाशय में 0.34 टीएमसी पानी संग्रहित हुआ था, जबकि 17 जुलाई 2024 को इस बांध में पिछले साल से अधिक पानी है। यहां वर्तमान में 0.298 टीएमसी पानी है। जबकि इस बांध की जलभराव क्षमता 9.74 टीएमसी है। वहीं सोंढूर बांध में 4.432 टीएमसी जलभराव था। जबकि वर्तमान में यहां सिर्फ 1.875 टीएमसी जलभराव है, जो कम है। वहीं दुधावा बांध में 6.83 टीएमसी संग्रहित हुआ था। जबकि 17 जुलाई 2024 में यहां सिर्फ 1.609 टीएमसी पानी है, जो कम है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / केशव केदारनाथ शर्मा