कांग्रेसी नेताओं को एफआईआर से डराने का किया जा रहा है प्रयास- कवासी लखमा
जगदलपुर, 26 मार्च (हि.स.)। बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा और कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य के खिलाफ नगद चंदा दिए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है।प्रशासन के एक अधिकारी की ओर से 25 मार्च की देर शाम इसे प्रलोभन की श्रेणी मानते हुए और आचार संहिता का उल्लंघन करने के चलते जगदलपुर कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज करने के मामले में पूर्व मंत्री व कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा ने बस्तर में कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा कि आरएसएस और भाजपा नेताओं के दबाव में प्रशासन के अधिकारी बिना नोटिस के कार्रवाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस डरने वाली नहीं है, कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता चूड़ी नहीं पहने हैं ना ही जेल जाने से डरते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बस्तर लोकसभा में हार के डर से कांग्रेसी नेताओं को एफआईआर से डराने व दबाने की कोशिश कर रहे हैं। हम डरने वाले लोग नहीं हैं।प्रशासन पहले जांच करें और नोटिस दे, उसके बाद जेल भी भेज दे हमें कोई दिक्कत नहीं है।
कवासी लखमा कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद 24 मार्च रविवार के दिन रायपुर से जगदलपुर आए हुए थे। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा एक बाइक रैली का आयोजन भी किया गया था। इसके बाद कवासी लखमा अपने कार्यकर्ताओं के साथ दंतेश्वरी मंदिर दर्शन किए। दर्शन के बाद मंदिर के सामने जलने वाली होली समिति के पास कवासी लखमा अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। होलिका दहन कार्यक्रम करने वाले समिति को पूर्व मंत्री व बस्तर लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा द्वारा सहयोग राशि दी गई। इस दौरान कवासी लखमा की पैसे बांटते हुए तस्वीर वायरल हो गई। जिसके बाद मीडिया में छपी रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए बस्तर जिला प्रशासन ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना और कवासी लखमा के साथ कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे