जलवायु परिवर्तन पर वन विभाग द्वारा दो व्याख्यानों का नवा रायपुर में आयोजन
रायपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र,अरण्य भवन,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जलवायु परिवर्तन व्याख्यान माला के अंतर्गत दो व्याख्यानों का गुरुवार को नवा रायपुर में आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ,बेंगलुरु से आए हुए विशेषज्ञ प्रोफेसर एन एच रविन्द्र नाथ ने जलवायु परिवर्तन और प्रबंधन रणनीति से क्षेत्रीय प्रभाव के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर सतीश शर्मा, विशेषज्ञ, फाउंडेशन ऑफ इकोलॉजिकल सेक्योरिटी ,गुजरात द्वारा पारिस्थितिक योजना और जंगली फल प्रजातियों से पुनर्जनन विषय पर व्याख्यान दिया गया।
प्रोफेसर एनएच रवींद्रनाथ ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी। उनके द्वार कृषि वानिकी को बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन करने पर जोर दिया गया।उन्होंने जलवायु मॉडलिंग में उपयोग होने वाले फ्रेमवर्क के बारे में जानकारी दी तथा छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष्य में तापमान एवं वर्षा विषयक भविष्य प्रक्षेपण के बारे में बताया ।अपने व्याख्यान में उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में जलवायु परिवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों में संभावित दुष्परिणामों एवं उनसे निपटने हेतु स्थापित रणनीतियों पर भी चर्चा की।
डॉक्टर सतीश शर्मा द्वारा जंगली फल-प्रजातियों के वृक्षों के परिस्थितिकीय प्रबंधन तथा उनके पुनरुत्पादन के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने वृक्षारोपण हेतु सही प्रजाति के चयन, सही प्लेसमेंट, सही समय एवं रोपण एवं बुआई की सही विधि पर प्रकाश डाला ।डॉक्टर शर्मा ने विभिन्न प्रकार की परिस्थतकीय अनुसार वानिकी एवं सिल्विकल्चर प्रथाओं के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में श्रीनिवास राव प्रधान, मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़, अरुण कुमार पांडे -अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी ,छत्तीसगढ़, राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र तथा वन विभाग के विभिन्न अधिकारियों-कर्मचारियों सहित अन्य विभाग के संस्थान प्रतिनिधि एवं शैक्षणिक संस्थानों के प्राध्यापक तथा छात्र उपस्थित रहे।कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा