जर्जर भवन में लग रही प्राथमिक शाला चटौद की कक्षाएं, बच्चों की सुरक्षा खतरे में
धमतरी, 5 नवंबर (हि.स.)। विकासखंड कुरूद के ग्राम चटौद स्थित प्राथमिक शाला चटौद की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। वर्ष 1958 में निर्मित इस स्कूल भवन की दीवारें अब जर्जर हो चुकी हैं, लकड़ियों और मियारों में दीमक लग चुकी है, प्लास्टर जगह-जगह से उखड़ चुका है और छत की छड़ें भी बाहर निकल आई हैं। ऐसे असुरक्षित भवन में बच्चे रोज़ाना कक्षाएं लगाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
प्रधान पाठिका सुषमा चंद्राकर ने बताया कि शाला की हालत लंबे समय से खराब है, फिर भी पंचायत और शाला विकास समिति (एसएमसी) द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सुविधाओं की कमी और असुरक्षित वातावरण के कारण शाला की उपस्थिति घटकर अब मात्र 22 छात्र रह गई है।
चंद्राकर ने बताया कि शाला की शासकीय भूमि पर पिछले 14 वर्षों से एक निजी स्कूल संचालित किया जा रहा था। अनेक शिकायतों और प्रयासों के बाद 7 जुलाई 2024 को प्रशासनिक हस्तक्षेप से उक्त निजी स्कूल को शासकीय परिसर खाली करना पड़ा। इसके साथ ही शाला की तीन एकड़ कृषि भूमि पर भी कुछ स्थानीय दबंगों ने कब्जा किया हुआ है।
प्रधान पाठिका का कहना है कि इस भूमि से प्राप्त धान की राशि स्कूल फंड में जमा की जानी चाहिए, ताकि उससे शाला का विकास किया जा सके। परंतु गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों का इस पर विरोध है। उनका कहना है कि वे भूमि स्कूल को नहीं देंगे।
शैक्षणिक कार्यों में बाधा और शिक्षकों से दुर्व्यवहार
सूत्रों के अनुसार, सरपंच, शाला विकास समिति के कुछ सदस्य और गांव के ही कुछ रंगदार शिक्षक वर्ग को परेशान कर रहे हैं और शिक्षण कार्यों में अनावश्यक दखल दे रहे हैं। शिक्षकों ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
शिक्षकों की समर्पित पहल
प्रधान पाठिका ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि पहले निजी स्कूल द्वारा मंदबुद्धि कहकर निकाल दिए गए बच्चे को उन्होंने शासकीय स्कूल में दाखिला दिलाया और अब वह बच्चा सामान्य रूप से पढ़ाई कर रहा है। यह साबित करता है कि सरकारी शिक्षक अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्राथमिक शाला चटौद के लिए नया भवन शीघ्र स्वीकृत किया जाए और कब्जाई गई शासकीय भूमि स्कूल को वापस दिलाई जाए, ताकि बच्चों को सुरक्षित और बेहतर शिक्षा वातावरण मिल सके।
मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा : कुलेश्वर सिन्हा
विकासखंड स्रोत समन्वयक कुलेश्वर सिन्हा ने बताया कि ग्राम विकास समिति और शाला प्रबंधन समिति को मिलकर विद्यालय के हित में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जर्जर भवन की मरम्मत, बच्चों की सुरक्षा, खेल मैदान और सार्वजनिक शौचालय के लिए भूमि आरक्षण जैसी ज़रूरी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा