जांजगीर जिला प्रशासन द्वारा रोका गया बाल विवाह
कोरबा/ जांजगीर-चांपा, 22 फरवरी (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से आज एक नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर आकाश कुमार छिकारा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अनिता अग्रवाल, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में टीम तैयार कर एवं पुलिस विभाग के सहयोग से ग्राम तरौद में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही सूचना स्थल पर जाकर पतासाजी की गई।
गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार बालिका की अंकसूची की जांच की गई। बालिका की उम्र 16 वर्ष 11 माह 02 दिन होना पाया गया। जिसका विवाह पीपरसत्ती निवासी लड़के के साथ 24 फरवरी 2024 को निर्धारित था। उम्र सत्यापन पश्चात् परिवार को सलाह देकर बाल विवाह रोका गया। टीम में परियोजना अधिकारी रवि शर्मा, जिला बाल संरक्षण इकाई से पुष्पेन्द्र मरकाम सामाजिक कार्यकर्ता चाइल्ड लाइन से निर्भय सिंह, जोहित कुमार कश्यप, भूपेश कश्यप पर्यवेक्षक अनिता साहू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भुवनेश्वरी पाटले, अंजली सिंह, बीना चौबे ग्राम सरपंच, पंच एवं पुष्पराज चंदेल प्रतिष्ठित नागरिक का विशेष सहयोग रहा।
उल्लेखनीय है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित करता है। यदि कोई व्यक्ति 21 वर्ष से कम आयु का लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है तथा बाल विवाह को बढ़ावा देता है अथवा उसकी अनुमति देता है, बाल विवाह में सम्मिलित होता है को 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रुपये तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी