छग विधानसभा : छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक पारित, अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय औसत से भी कम

 


रायपुर, 27 फरवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार शाम छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक पारित कर दिया गया। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि बेस्ट ट्रांसपैरेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। पिछली सरकार पर कई ग़लत तरीक़े से काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि रिमोट कहीं और से चल रहा था। वहीं-वहीं दस्तख़त हुए जहां फ़ैसले ग़लत हुए। उन्होंने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय औसत से भी कम है। बिहार जैसे पिछड़े राज्य हो या नार्थ ईस्ट के राज्यों से भी खराब स्थिति है। कृषि क्षेत्र का योगदान 15 फीसदी है। उद्योग का 53 फ़ीसदी है और सर्विस सेक्टर का 31 फ़ीसदी है जबकि सर्विस सेक्टर में राष्ट्रीय औसत 53 फीसदी है।

मंत्री चौधरी ने कहा कि जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान बढ़ाना सबसे ज़रूरी है। सर्विस सेक्टर का ग्रोथ रेट सिर्फ़ पांच फीसदी है जबकि राष्ट्रीय औसत सात फ़ीसदी है। बीते पांच साल में राज्य का विकास पिछड़ा है। सेकंडरी सेक्टर में भी राष्ट्रीय औसत आठ फीसदी है जबकि हमारा 7.8 फ़ीसदी है। प्राइमरी सेक्टर का ग्रोथ रेट राष्ट्रीय स्तर से थोड़ा ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 47 हज़ार और राष्ट्रीय स्तर पर आय 1 लाख 53 हजार रुपये है। हमें आगामी दस बीस साल की योजना पर काम करने की जरूरत है।

चौधरी ने आगे कहा कि जैसे प्रधानमंत्री ने विकसित भारत की कल्पना की है, वैसे ही हमने 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की कल्पना की है। 1 नवम्बर 2024 को हम विजन @2047 की कल्पना जारी करेंगे। छत्तीसगढ़ हमने बनाया है, हम ही सवारेंगे। विजन डॉक्यूमेंट जो हम बना रहे हैं उसमें छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव की विजन को भी शामिल करेंगे। पांच लाख करोड़ की जीडीपी को हम दस लाख करोड़ तक ले जाने का बड़ा लक्ष्य लेकर चलना शुरू किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम राज्य के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। हमने दस पिलर के आधार पर बजट पेश किया है।

उन्होंने कहा कि 2018 में कांग्रेस की सरकार आई थी तब उसी वित्तीय वर्ष में 11 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया था। हमारी सरकार आई तो हमने अपने पहले वित्तीय वर्ष में 13 हजार करोड़ का लोन लिया है। यह लोन किसानों, महिलाओं और आवास के लिए लिया है। इसी वित्तीय वर्ष में हमने 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किया है। कृषक उन्नति योजना के लिए अनुपूरक बजट में ही हमने 12 हजार करोड़ का प्रावधान किया था। आज हमारी वित्तीय स्थिति ऐसी है कि जिस दिन मुख्यमंत्री कहेंगे उसी दिन हम महतारी वंदन योजना और कृषक कल्याण योजना की राशि किसानों के खाते में एक साथ देने की स्थिति में हैं।

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय महंगाई दर 28 फीसदी तक चली गई थी। मोदी जी के नेतृत्व में देश की सरकार चल रही है उससे यह देश कभी भी महंगाई दर में फंसने वाला नहीं है। महतारी वंदन योजना के लिए साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये के प्रावधान करने पर कांग्रेस ने खूब दुष्प्रचार किया कि हम देंगे या नहीं। कांग्रेस ने अपनी सरकार के दौरान दस लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। कुल पंद्रह हजार करोड़ रुपये की जरूरत थी। अपनी सरकार के आख़िरी साल में बजट सिर्फ़ साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया। पूरा प्रदेश जानता है कि जन घोषणा पत्र में किसने क्या कहा था और क्या किया। कांग्रेस ने ये भी वादा किया था कि महिलाओं को छह हजार रुपये दिया जाएगा, मगर छह रुपये तक का भुगतान नहीं किया गया।

उन्होंने कहा, महिला एवं बाल विकास विभाग में 130 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, खनिज साधन विभाग में 80 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। पीएचई में 90 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है। डीएमएफ के पैसे से जेल रोड की बिल्डिंग से कैसे पूरे राज्य में काम किया जाता था ये सभी जानते हैं।आज़ादी के 70 सालों तक कांग्रेस ने डीएमएफ़ के बारे में सोचा नहीं था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमएफ लाकर 30 फीसदी राशि स्थानीय विकास के लिए दिये जाने का नियम बनाया।आवास में हमने आठ हज़ार तीन सौ करोड़ का प्रावधान किया है। इससे पंचायत विभाग के बजट में 70 फीसदी की बढ़ोतरी की है। स्कूल शिक्षा विभाग में जीतने बिल्डिंग इस बजट में लिया गया इतना इतिहास में कभी नहीं लिया गया। रामलला के दर्शन का प्रावधान भी इस बजट में किया गया है।

मंत्री चौधरी ने आगे कहा, भय, लोभ की आड़ में होने वाले धर्मांतरण को रोकने सरकार प्रतिबद्ध है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपये की दर पर लेने का वादा हमने पूरा किया है। प्रति मानक बोरा 5500 रुपये की दर पर भुगतान किया जायेगा। आवास प्लस की सूची का अनुमोदन ग्राम सभा ने किया था, लेकिन पिछली सरकार ने उस सर्वे सूची को मानने से इंकार कर दिया था। 2011 की सूची को मानने से इंकार कर दिया था। यूपीए की सरकार ने ये बनाया था। क्या उन्हें अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं था।पीएससी में हुई गड़बड़ी की जांच कराने हम प्रतिबद्ध है, सीबीआई जांच कराई जा रही है। यूपीएससी की तर्ज़ पर पीएससी की परीक्षा कराने की तैयारी हम करने जा रहे हैं। बेस्ट ट्रांसपैरेंट सिस्टम लागू किया जाएगा, पिछली सरकार ने कई ग़लत तरीक़े से काम किया।रिमोट कहीं और से चल रहा था।

हिन्दुस्थान समाचार / केशव शर्मा/प्रभात