सीजीएमएससी के सौ करोड़ का टेंडर निरस्त किया साय सरकार ने
रायपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) द्वारा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कथित तौर पर दवा खरीद में हुए भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए साल 2017-18 के बाद किए गए रेट कांट्रैक्ट के आधार पर की जाने वाली सारी सप्लाई के टेंडर ऑर्डर निरस्त कर दिए हैं। साय सरकार द्वारा आज दिए गए इस एक आदेश से करीब 100 करोड़ का टेंडर खत्म हो गया है। सरकार का कहना है कि इस निर्णय से केंद्र सरकार की मंशा अनुरूप पारदर्शिता पूर्ण जेम पोर्टल से खरीद किया जा सकेगा ।
उल्लेखनीय है कि 2008-09 में छत्तीसगढ़ में कलर डॉप्लर मशीन ,सरकारी अस्पतालों में दवा, मशीन और दूसरी चीजों की खरीद में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। उसके बाद मेडिकल उपकरणों से लेकर दवा खरीद के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था तैयार कर सीजीएमएससी का गठन किया गया।गठन के कुछ सालों बाद ही ये संस्था घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए चर्चित हो गई ।
कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि गठन से लेकर अब तक क्रय नियम नहीं बन सका। जितनी जरुरत है, उतनी दवाओं का रेट कांट्रेक्ट नहीं किया जा सका। सेंट्रल एंजेसी होने के बावजूद कई करोड़ की दवा लोकल पर्चेज में अधिक दाम पर खरीदी गई। ब्लैकलिस्टेड कंपनी से करोड़ों की दवा खरीद की गई । बिना जरुरत दवाएं, रिएजेंट और मशीनें खरीदहुई । गोदाम में पड़े पड़े करोड़ों की दवाएं कालातीत हो गईं हैं ।
साय सरकार ने इसे देखते हुए बड़ा कदम उठाया है।स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने 2017-18 से अब तक जारी उन तमाम टेंडर को निरस्त कर दिया है, जो बहुत पहले तय हुए रेट कांट्रैक्ट पर सालों से सप्लाई करते आ रहे थे। मशीन, रिएजेंट और कंज्युमेबल आइटम वाले टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं।छत्तीसगढ़ में चिकित्सा उपकरणों, दवाओं और अन्य सामग्री की खरीद अब जेम पोर्टल से होगी।
सरकार के इस फैसले पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। टीएस सिंह देव ने कहा कि सीजीएमएससी का गठन रमन सिंह शासनकाल में इसलिए ही किया गया था, ताकि सेंट्रलाइज तरीके से खरीद करके दवाओं और उपकरणों की गुणवत्ता का ख्याल रखा जा सके। साथ ही साथ इसमें गड़बड़ी न हो सके। अगर डीसेंट्रलाइज्ड तरीके खरीद की जाएगी तो ना तो क्वालिटी का ध्यान होगा और ना ही इसमें गड़बड़ी को लेकर कोई बैरियर।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा / चन्द्र नारायण शुक्ल