महंगाई भत्ता सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल शुरू
धमतरी, 29 दिसंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आवाह्न पर 29 दिसंबर से तीन दिवसीय कलम बंद काम बंद आंदोलन शहर के गांधी मैदान में शुरू हो गया है। महंगाई भत्ता सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर जिले के चारों ब्लाक मुख्यालय में कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल में जुट गए हैं। पहले दिन हड़ताल की वजह से शासकीय कार्यालयों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। जिससे कई कार्य प्रभावित हुए।
छतीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय कलम बंद काम बंद आंदोलन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को धमतरी ब्लाक के अधिकारी कर्मचारी शहर के गांधी मैदान में आयोजित हड़ताल में शामिल हुए। फेडरेशन के जिला संयोजक चंदूलाल चंद्राकर, महासचिव अमित महोबे, जिला सह संयोजक दयालुराम साहू, जिला प्रवक्ता खुमान सिंह ठाकुर एवं कोषाध्यक्ष एन आर टंडन ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के रूप में कर्मचारियों से वादे कर शपथ पत्र जारी किया था। जिसमें महंगाई भत्ता सहित 11 मांगे कर्मचारी अधिकारी हित की कही गई थी। लेकिन आज दो वर्ष बीतने के बाद भी मोदी की गारंटी पूरी नहीं की गई। जिससे अधिकारी - कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है। मोदी की गारंटी पूरा करने की मांग को लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं। इस अवसर पर फेडरेशन के जिला सचिव राजकुमार सिन्हा, आईटी प्रभारी महेंद्र कुमार साहू, गोपाल शर्मा, शेर खान, वासुदेव भोई, सुमति साहू, ममता खालसा, गौरी गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।
ये है 11 सूत्री मांग:
केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (डीए) लागू किया जाए। डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए। सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए। पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए। सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए। अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए। प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए। अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए। दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने। सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा