कोरबा : छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा बालको में पर्यावरण नियमों की अनदेखी का मामला

 


कोरबा, 25 जुलाई (हि. स.) । बालकों में पर्यावरण नियमों की हो रही अनदेखी के आरोप जांच में सही पाए गए। इसके लिए कंपनी प्रबंधन पर पर्यावरण संरक्षण मंडल ने तगड़ा जुर्माना भी ठोका है। यह जानकारी आज विधानसभा में आवास एवं पर्यावरण संरक्षण मंत्री ओपी चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है। बता दें कि फरवरी में हुए विधानसभा के सत्र के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने यह मुद्दा सदन में उठाया था। तब विभागीय मंत्री चौधरी ने इस पूरे मामले की जांच की घोषणा सदन में की थी।आज उसी पर कौशिक की तरफ से सवाल किया गया था।

कौशिक ने पूछा था कि बालको संयंत्र में नियमों का उल्लघंन संबंधित ध्यानाकर्षण सूचना में आवास एवं पर्यावरण मंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि मैं विभागीय रूप से इस प्रकरण में जांच भी कराऊंगा ? यदि हाँ तो किसके द्वारा जांच की जा रही है? समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? जांच के क्या- क्या बिन्दु हैं? समिति की बैठकें कब-कब हुई हैं एवं समिति द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया है? समिति/जांच अधिकारी के द्वारा क्या निष्कर्ष प्रस्तुत किये गए हैं? जांच में क्या अनियमिताएं पाई गई हैं एवं इसके लिये दोषी कौन हैं तथा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो जांच कब तक पूर्ण हो जावेगी?

इस प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री चौधरी ने बताया कि 12.04.2024 के माध्यम से मेसर्स बालको कोरबा के ताप विद्युत संयंत्रों से उत्पन्न राख के भण्डारण, परिवहन एवं अपवहन की जांच के लिए 03 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। गठित समिति के सदस्य (1) अनूप कुमार बेहरे अधीक्षण अभियंता, मुख्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर, (2) आर. के. शर्मा, अधीक्षण अभियंता, मुख्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर एवं प्रमेन्द्र शेखर पाण्डेय, क्षेत्रीय अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा है। समिति द्वारा बालको के ताप विद्युत संयंत्र से उत्पन्न राख के भण्डारण, परिवहन एवं अपवहन के बिन्दुओं पर जांच की गयी है। समिति ने मेसर्स बालको के विद्युत संयंत्रों, राखड़बांध एवं फ्लाई ऐश भराव स्थलों का निरीक्षण 01.05.2024 और 02.05.2024 को किया। निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित कमियाँ पायी गयी:- (1) ऐश संग्रहण सायलो एरिया के आस-पास अत्यधिक मात्रा में ऐश का जमाव होना पाया गया। (2) ऐश डाइक मार्ग पर लगभग 20-30 टन राखड़ के 02 ढेर पाये गये, जिस पर मिट्टी की परत नहीं बिछायी गयी थी। (3) ऐश डाइक के पॉण्ड 02 एवं 06 में पर्याप्त जल छिड़काव व्यवस्था नहीं पायी गयी। (4) निरीक्षण के दौरान 02 वाहनों द्वारा उचित ढंग से तारपोलिन बांधे बिना परिवहन किया जाना पाया गया। (5) ग्राम बरबसपुर स्थित स्थल पर ऐश के माध्यम से भू-भराव के उपरांत मिट्टी की परत बिछाने का कार्य प्रगति पर होना पाया गया, परन्तु पर्याप्त् जल छिड़काव व्यवस्था नहीं पायी गयी, जिसके कारण राख उड़ती हुई पायी गयी।

उपरोक्तानुसार पायी गयी कमियों के संबंध में समिति द्वारा उद्योग प्रबंधन के विरूद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि अधिरोपित करने / विधिसम्मत कार्यवाही की अनुशंसा की गई। तत्पश्चात उद्योग के ताप विद्युत संयंत्र को वायु (प्रदुषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा ३१ 'क' के तहत नोटिस जारी किया गया एवं पाये गये उल्लंघन हेतु पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि जमा किया जाने बाबत निर्देशित किया गया। उद्योग प्रबंधन के द्वारा समाधान कारक कार्यवाही किये जाने की जानकारी दी गयी एवं कुल 14 लाख 29 हजार 500 रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि मंडल मुख्यालय में जमा किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी / केशव केदारनाथ शर्मा