छग विस चुनाव : भाजपा नेताओं ने की निष्पक्ष चुनाव कराने और डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

 


रायपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी सांसद सुनील सोनी, राजनांदगाँव सांसद संतोष पांडेय के साथ विधायक अजय चंद्राकर सोमवार को निर्वाचन आयोग पहुंचे। वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग से छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष चुनाव कराने और डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद द्वय संतोष पांडेय व सुनील सोनी, मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और चुनाव आयोग संपर्क समिति के संयोजक डॉ. विजयशंकर मिश्रा , प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने मोहला-मानपुर क्षेत्र के भाजपा नेता बिरझू तारम व अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की राजनीतिक व लक्षित हत्या के बाद हत्यारों पर कड़ी कार्रवाई करने तथा इस घटना के बाद विधानसभा चुनाव में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के संवेदनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्रों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों (सेंट्रल फोर्स) की तैनाती की मांग की है। भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ में नियुक्त संविदा पुलिस महानिदेशक को हटाते हुए क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक तथा मोहला–मानपुर के पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित करने की मांग भी की और कहा कि घटना की त्वरित विवेचना के साथ दोषी व्यक्तियों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित की जाए।

भाजपा सांसद सोनी ने इस आशय का एक पत्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे जाने की जानकारी देते हुए सोमवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव-2023 की घोषणा के साथ ही मतदाताओं को आतंकित करने के उद्देश्य से राजनैतिक टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि गत 20 अक्टूबर को नक्सल प्रभावित इलाके मोहला-मानपुर में भाजपा नेता बिरझू तारम की निर्दयता से गोली मारकर हत्या कर दी गई। चुनाव की घोषणा के पूर्व से ही प्रदेश में आतंक का माहौल बनाने के उद्देश्य से ऐसी अनेक आपराधिक घटनाओं को जाम दिया गया है। इसके पूर्व बस्तर में 16 जनवरी को भाजपा जिला मंत्री बुधराम करटाम की हत्या हुई। इस साल 5 फरवरी को बीजापुर भाजपा मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम, 10 फरवरी को नारायणपुर भाजपा उपाध्यक्ष सागर साहू और 11 फरवरी को इंद्रावती नदी के पार दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सरहद पर भाजपा नेता रामधर अलामी की हत्या हो चुकी हैं। प्रदेश सरकार ने खुद राजनीतिक दलों के 35 से अधिक नेताओं की हत्या को स्वीकार किया है। किन्तु बार-बार अनुरोध के बावजूद भी पुलिस प्रसाशन द्वारा इन राजनैतिक टारगेट किलिंग़ की घटनाओं को सामान्य घटना बताकर कभी भी गंभीर कार्रवाई नही की गई।

भाजपा सांसद पांडेय ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मोहला-मानपुर की यह घटना विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को आतंकित करने की घटनाओं की ही श्रृंखला हैI राजनैतिक कार्यकर्ताओं की इन हत्याओं का स्पष्ट उद्देश्य राज्य के आगामी चुनावों के दौरान मतदाताओं में भय के वातावरण का प्रसार कर यह सन्देश देना है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था इतनी लचर है कि वह आम जनता को सुरक्षा नहीं दे सकती तथा जनता के पास इन अपराधियों के अतिरिक्त अन्य को मत देने का विकल्प नहीं है। कांग्रेस विधायक इंद्र शाह मंडावी की मौजूदगी में कांग्रेस के सरजू टेकाम द्वारा आमसभा में प्रचार के लिए आने वाले भाजपा कार्यकर्ता को काट देने की दी गई धमकी इसी की एक कड़ी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य में इन्हीं स्थितियों को देखते हुए गत 31 अगस्त, 2023 को भाजपा ने भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ को संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील बूथों की सूची के साथ स्थितियों से अवगत कराया था, किन्तु भाजपा के इस पत्र पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।

भाजपा मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री चंद्राकर ने कुरुद विधानसभा क्षेत्र में हुई सुपारी किलिंग में भाजपा कार्यकर्ता चंद्रशेखर गिरी की हत्या को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार के उपकृत अफसरों के द्वारा अब कांग्रेस के लोगों को उपकृत करने का सिलसिला चल रहा है। चंद्राकर ने कांग्रेस की भूपेश सरकार पर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं की पुलिस के संरक्षण में लक्षित हत्या (टारगेट किलिंग) की आशंका जताते हुए आरोप लगाया कि आगे चुनाव में पुलिस के संरक्षण में भाजपा कार्यकर्ताओं की और भी टारगेट व सुपारी किलिंग हो सकती है। चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस सरकार की लापरवाही व गुंडागर्दी के कारण आज छत्तीसगढ़ की जनता अपने आप असुरक्षित महसूस कर रही है और मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ को सुरक्षित राज्य बताकर फर्जी दावा कर रहे हैं।

हिंदुस्ताहन समाचार /केशव शर्मा