धमतरी : आलू में बैक्टीरिया जनित बीमारी हो रही है : कृषि वैज्ञानिक चंद्रवंशी
धमतरी, 8 अगस्त (हि.स.)। कृषि वैज्ञानिक एके चंद्रवंशी के मुताबिक, आलू में बैक्टीरिया जनित बीमारी हो रही है। मुख्य रूप से प्रतिकूल पर्यावरणीय कारकों के कारण इस तरह की स्थित बनती है, ये सामान्य पौधे और कंद के विकास को बदल देते हैं। इसका प्रमुख कारण आलू का उचित भंडारण या रख-रखाव न होना, उच्च या निम्न तापमान और अपर्याप्त, अत्यधिक या असमान मिट्टी की नमी या पोषक तत्व शामिल हैं।
महंगाई के इस दौर में ग्राहकों को दोहरी मार पड़ रही है। दैनिक उपयोग में आने वाली सब्जी, आलू, टमाटर, प्याज की कीमतें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में सब्जियां खराब निकालनी शुरू हो जाए तो ग्राहकों को काफी परेशानी होती है।
कोई भी ग्राहक सब्जी बाजार या दुकान से आलू, प्याज, टमाटर को काफी देख परखकर ही खरीद कर घर लाता है। बाहर से साफ सुथरी दिख रही सब्जी अंदर से कैसी है इसके बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। आलू और टमाटर को बिना काटे खाया जाना किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इनमें कई प्रकार की बीमारियां होने लगी हैं, जो इन्हें काटने पर ही पता चलती है। आलू में इन दिनों बैक्टीरिया जनित बीमारी देखने को मिल रही है, जिसके तहत आलू का बाहरी आवरण तो काफी सुंदर दिखाई पड़ता है लेकिन अंदर काले रंग की संरचना बन जाती है, इसे अलग किए बिना सब्जी तैयार करना बीमारी को न्योता देने के समान है। यही हाल टमाटर में भी देखने को मिल रहा है। वर्तमान में टमाटर तो चमकदार दिखाई पड़ता है, लेकिन अंदर काटने पर इसमें कीड़े भी निकल जाते हैं, ऐसे में काफी देख परखकर ही सब्जी का उपयोग किया जाना उचित है।
प्रदीप कुमार देवांगन ने बताया कि दो दिन पहले उन्होंने स्थानीय बाजार से आलू खरीदा था घर में जब इसे काटने लगे तो एक के बाद एक, कई आलू इसी तरह से काले नजर आए। यही हाल टमाटर का भी देखने को मिला। महंगाई के इस दौर में सब्जियां महंगी होती जा रही है। ऐसे में इस तरह ठगा जाना काफी दुख पहुंचाता है। मालूम हो कि इन दिनों आलू और प्याज 40 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है, इसी तरह टमाटर का भाव भी 20 रुपये से लेकर 40 रुपये किलो तक चल रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / गायत्री प्रसाद धीवर